magbo system

जिलाधिकारी ने रमना स्थित वेस्ट प्लांट का निरीक्षण किया गया

रमना प्लाण्ट एनटीपीसी के सहयोग से भारत का पहला वेस्ट टू चारकोल प्लाण्ट तैयार किया गया है जिसकी 600 टन निस्तारण क्षमता है

वाराणसी। जिलाधिकारी द्वारा रमना प्लाण्ट का निरीक्षण किया, जहां पर एनटीपीसी के सहयोग से भारत का पहला वेस्ट टू चारकोल प्लाण्ट तैयार किया गया है उसका परीक्षण व निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान संस्था द्वारा बताया गया कि प्रतिदिन शहर का 400 टन कूड़े का निस्तारण किया जा रहा है। प्लांट में तीन यूनिट 200-200 टन की लगी हैं जिसमें दो यूनिट क्रियाशील है। प्रतिदिन बनने वाले चारकोल का प्रयोग बिजली उत्पादन में किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने प्लांट के संचालन, रख-रखाव एवं अपशिष्ट निस्तारण प्रक्रिया की समीक्षा की तथा उक्त के संबंध में उचित दिशानिर्देश दिये।

रमना स्थित वेस्ट प्लांट वाराणसी में एक महत्वपूर्ण सुविधा है जो शहर के कचरे को प्रबंधित करने में मदद करती है। इस प्लांट में वेस्ट-टू-चारकोल तकनीक का उपयोग करके कचरे से कोयला बनाया जाता है, जो एक पर्यावरण अनुकूल ईंधन है।

जिलाधिकारी द्वारा प्लांट में कचरा आगमन से लेकर चारकोल बनाने तक की सभी प्रक्रियाओं की बारीकी से जानकारी ली गई। मशीनों की कार्यप्रणाली का भी प्रत्यक्ष निरीक्षण किया गया, विशेषकर कम्पोस्ट सेक्शन कब तक बनकर तैयार होगा इसके बारे में पूछा गया। उन्होंने दैनिक कचरा आगमन एवं निस्तारण की विधि की भी जानकारियां ली गयीं। कार्यदायी संस्था द्वारा प्रतिदिन प्लांट में आने वाले कूड़े की मात्रा, प्रकार व प्रतिदिन किये जाने वाले निस्तारण के सम्बन्ध में जानकारी दी गयी।

जिलाधिकारी द्वारा प्लांट परिसर में स्थित सेक्शन का भी निरीक्षण किया गया तथा उसकी वर्तमान स्थिति का जायजा लिया गया। उन्होंने कार्यदायी संस्था को वेस्ट प्रोसेसिंग प्रक्रिया का फ्लो चार्ट एडमिन बिल्डिंग परिसर में तैयार कर प्रदर्शित करने का निर्देश दिया गया, जिससे आगंतुकों व पर्यवेक्षकों को संपूर्ण प्रक्रिया स्पष्ट रूप से समझाई जा सके।
जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया कि स्थानीय निवासियों को भी संस्थान के क्रिया-कलापों से अवगत कराएं ताकि उनको भी प्लांट संचालन की उचित जानकारी हो सके। निरीक्षण के दौरान एनटीपीसी तथा कार्यदायी संस्था के लोग मौजूद रहे।

खबर को शेयर करे