

वाराणसी जिले सेवापुरी विकास खंड क्षेत्र के ग्राम सभा नहवानीपुर के जगदीशपुर गांव में जन्माष्टमी के अगले दिन इस बार भी विख्यात संत बाबा अड़गड़ानंद जी महाराज के परम शिष्य और उनके प्रतिनिधि के रूप में नहवानीपुर आश्रम में भव्य आगमन हुआ। उनके पधारने की सूचना जैसे ही क्षेत्र में फैली,सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया। देखते ही देखते नहवानीपुर और आसपास के गांवों तथा उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों समेत अन्य प्रदेशों से लगभग 60 हजार की विशाल भीड़ महाराज जी के दर्शन और प्रवचन के लिए उमड़ पड़ी। पूरा गांव भक्तिमय माहौल में डूब गया और वातावरण जयकारों से गूंज उठा।
बाबा अड़गड़ानंद जी महाराज के परम् शिष्य नारद महाराज अपने प्रवचन में भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से सीखने की प्रेरणा दी। और उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव हमें धर्म,नीति और कर्तव्य के पालन का मार्ग दिखाता है। जीवन में भक्ति,सेवा और सदाचार को अपनाने वाला इंसान सच्चे अर्थों में सफल होता है। उनके प्रवचन को सुनते समय हजारों भक्त ध्यानमग्न होकर भावविभोर हो उठे।
बाबा के आगमन पर भक्तों ने फूल-मालाओं से उनका स्वागत किया। महिलाएं मंगलगीत गाती हुई पहुंचीं,वहीं युवाओं ने गगनभेदी जयकारों से वातावरण को गुंजायमान कर दिया। दूर-दराज से आए श्रद्धालुओं ने बाबा से व्यक्तिगत आशीर्वाद प्राप्त किया और अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए स्थानीय समिति और ग्रामीणों ने मिलकर कार्यक्रम की व्यवस्थाएं संभालीं। प्रसाद वितरण,बैठक व्यवस्था और जलपान की पूरी तैयारी पहले से की गई थी,जिससे भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
बाबा नारद जी महाराज की उपस्थिति से पूरा क्षेत्र आध्यात्मिक ऊर्जा से भर उठा। स्थानीय लोगों ने कहा कि हर साल जन्माष्टमी के अगले दिन बाबा का यहां आना उनके लिए सौभाग्य है और यह आयोजन पूरे इलाके को भक्ति व सद्भाव के सूत्र में बांध देता है।आश्रम में दूर दराज से आए हजारों भक्तों ने महाराज जी आशीर्वाद लेने के बाद प्रसाद ग्रहण किया।
इस दौरान सुरक्षा के मद्देनजर कई थानों की पुलिस के साथ-साथ काफी संख्या में पुलिस बल के जवान जगह जगह तैनात रहे।

