

गायकों ने कजली सुनाकर संस्कृति और मिट्टी से जुड़े रहने का दिया संदेश
जश्ने आजादी दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम नागेपुर स्थित लोक समिति के आंगन में आशा ट्रस्ट लोक समिति और दिहाड़ी मजदूर संगठन की ओर से पुरुष कजली महोत्सव का आयोजन किया गया।जहां दर्जनों गांव से आई टीम की मधुर कजली की धुन पर श्रोता झूम उठे.
कजली महोत्सव में दूर-दराज से आए लोकगायन के कलाकारों ने अपने गीतों से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कजली महोत्सव में लोगों ने पारम्परिक गीतों के साथ-साथ देशभक्ति, मौजूदा समय में समाज की स्थिति,भ्रष्टाचार जैसे सामयिक मुद्दों पर अपनी आवाज बुलंद की, वही लोक समिति की ओर से कजली महोत्सव में पहुंचे सभी लोक गायक कलाकारों को अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कजली की शुरुआत गांधीवादी विचारक सुरेन्द्र भाई,तारकेश्वर जी कवि छविनाथ,रामआसरे लोक समिति संयोजक नन्दलाल मास्टर ने दीप प्रज्वलित कर किया. इस अवसर पर लोगों ने कहा कि पूर्वांचल कजली महोत्सव का एक अलग स्थान है। लोकगायकों ने इस प्रथा को आज भी जीवंत रखा है। कजली पूर्वांचल की संस्कृति और विरासत की पहचान है। कजली गीत सुनने के बाद गांव के अपनत्व का अहसास होता है। लोक समिति संयोजक नन्दलाल मास्टर ने बताया कि पुरुषों की भांति महिला कजली महोत्सव 23 अगस्त को लोक समिति आश्रम नागेपुर में सुबह 11 से आयोजित किया गया है. इस दौरान नन्दलाल मास्टर, अनीता, सोनी,श्यामसुन्दर, रामबचन, शिवकुमार, सुनील,अरविंद, रमेश आशा,अंबिका,मनीषा,रामजतन,राजेंद्र आदि लोगों ने भागीदार की।

