“CommuteQ” परियोजना के लिए IIT (BHU) को मिला वैश्विक ट्रांसपोर्ट इनोवेशन पुरस्कार

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– डिजिटल तकनीक और व्यवहार विज्ञान के समन्वय से शहरी यात्रा को बनाया जा रहा है अधिक स्मार्ट और पर्यावरण-अनुकूल

वाराणसी : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (बीएचयू), वाराणसी द्वारा शहरी परिवहन को अधिक सुगम और पर्यावरण-अनुकूल बनाने के लिए विकसित मोबाइल एप “CommuteQ” को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है। इस परियोजना को टोयोटा मोबिलिटी फाउंडेशन द्वारा आयोजित “अर्बन ट्रांसपोर्ट चैलेंज 2025” में वैश्विक विजेता घोषित किया गया है। यह प्रतियोगिता WRI इंडिया, BMTC, बैंगलोर मेट्रो और ELCIA के सहयोग से आयोजित की गई थी। CommuteQ को उसकी रचनात्मकता, तकनीकी नवाचार और मानवीय दृष्टिकोण के लिए विशेष रूप से चयनित किया गया।

CommuteQ एक मोबाइल एप आधारित परियोजना है, जिसे आईआईटी (बीएचयू) के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. अग्निवेश पानी के नेतृत्व में विकसित किया गया है। इस परियोजना में IIT तिरुपति, IIIT बैंगलोर, IIM इंदौर और ITSPE इंडिया के विशेषज्ञों का भी सहयोग है। परियोजना का उद्देश्य डिजिटल टूल्स और व्यवहार विज्ञान के माध्यम से लोगों को हरित और टिकाऊ यात्रा विकल्पों की ओर प्रेरित करना है, जैसे पैदल चलना, साइकिल चलाना या सार्वजनिक परिवहन अपनाना।

ऐप (वर्तमान में बीटा-टेस्टिंग चरण में) में कई विशेषताएँ शामिल हैं, जैसे “मोबिलिटी क्वेस्ट्स”, कम-कार्बन यात्राओं का दृश्य रिकॉर्ड, व्यक्तिगत कम्यूट ट्रैकर और स्मार्ट यात्रा सुझाव। यह न केवल यात्रियों को सूचित और पर्यावरण-अनुकूल यात्रा निर्णय लेने में मदद करता है, बल्कि शहर योजनाकारों के लिए एक डैशबोर्ड भी प्रदान करता है, जिससे वे यात्रियों की जरूरतों को बेहतर ढंग से समझ सकें और अधिक प्रभावी परिवहन रणनीतियाँ बना सकें। अन्य विशेषताओं में कम प्रदूषण वाले मार्गों की वास्तविक समय की जानकारी, टैक्सी, ऑटो और मेट्रो सेवाओं की उपलब्धता, रात में दृश्यता, तथा आस-पास भोजन, दवा या विश्राम सुविधाओं तक पहुँच की जानकारी शामिल है।

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डॉ. अग्निवेश पाणि ने बताया कि CommuteQ का उद्देश्य वास्तविक समय के डाटा, गेमिफाइड प्रोत्साहन और हाइपरलोकल स्टोरीटेलिंग का उपयोग करके लोगों को अकेले कार उपयोग से दूर करके सार्वजनिक, साझा और सक्रिय यात्रा साधनों की ओर प्रेरित करना है। डायनेमिक वॉकएबिलिटी स्कोर और कम्यूट लीनिएज से लेकर कार्बन बचत डैशबोर्ड और पड़ोस की कहानियों तक, CommuteQ रोज़मर्रा की यात्राओं को एक-एक प्रेरणा के साथ अधिक स्मार्ट और हरित यात्राओं में बदल देता है। यह ऐप उपयोगकर्ताओं के साथ जुड़ाव की भावना को बढ़ाने और यात्रा आदतों को सकारात्मक दिशा में धीरे-धीरे बदलने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

STAMP इनोवेशन चैलेंज के विजेता प्रोजेक्ट्स में से एक होने के नाते, CommuteQ को कुल 1,00,000 अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹83 लाख) के अनुदान में से हिस्सा मिलेगा, जिसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी, बेंगलुरु में सितंबर 2025 से शुरू होने वाले 9 महीने के बिहेवियरल मोबिलिटी पायलट के लिए किया जाएगा। पायलट के बाद, इस ऐप को देश के अन्य शहरों में भी विस्तारित किया जाएगा। अगले तीन महीनों के भीतर यह ऐप गूगल प्ले स्टोर और एप्पल ऐप स्टोर पर सार्वजनिक उपयोग के लिए उपलब्ध होगा।

इस उपलब्धि पर संस्थान के निदेशक प्रोफेसर अमित पात्रा ने कहा, “CommuteQ परियोजना यह प्रमाणित करती है कि जब तकनीक, नवाचार और समाज की जरूरतें एक साथ आती हैं, तो समाधान वैश्विक स्तर पर प्रभाव छोड़ सकते हैं। मैं डॉ. अग्निवेश पाणि और उनकी बहु-संस्थानी टीम को इस उल्लेखनीय सफलता के लिए हार्दिक बधाई देता हूं।”

Shiv murti
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