
श्रावण मास 2025 के दौरान श्री काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा और दर्शन के सुचारू संचालन हेतु एक मानक प्रक्रिया (SOP) जारी की गई है, जिसके मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं:
1. प्रवेश हेतु मार्ग
धाम में कुल 6 प्रमुख प्रवेश द्वार हैं:
- गेट नं० 04
- नन्दुफेरिया प्रवेश मार्ग (गेट नं० 04 बी)
- सिल्को प्रवेश मार्ग (गेट नं० 04 ए)
- ढुण्ढिराज प्रवेश मार्ग
- सरस्वती फाटक प्रवेश मार्ग
- भैरव द्वार/ललिता घाट
गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण ललिता घाट से प्रवेश अस्थायी रूप से प्रतिबंधित रहेगा। अतः पांच द्वारों से ही श्रद्धालु प्रवेश कर सकेंगे।
2. श्रावण मास में आरती एवं विशेष श्रृंगार
श्रावण मास में चार सोमवार होंगे, जिन पर विशेष श्रृंगार आयोजित होंगे:
- 14 जुलाई 2025 (प्रथम सोमवार): चल प्रतिमा श्रृंगार
- 21 जुलाई 2025 (द्वितीय सोमवार): गौरी शंकर श्रृंगार
- 28 जुलाई 2025 (तृतीय सोमवार): अर्धनारीश्वर श्रृंगार
- 4 अगस्त 2025 (चतुर्थ सोमवार): रूद्राक्ष श्रृंगार
- 9 अगस्त 2025 (पूर्णिमा): झूला श्रृंगार
3. दर्शन व्यवस्था
- श्रावण मास में विशेष या प्रोटोकॉल दर्शन पूर्णतः प्रतिबंधित रहेंगे।
- किसी भी माध्यम (पत्र, सोशल मीडिया, अनुशंसा आदि) से किए गए विशेष दर्शन के अनुरोध स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
- श्रद्धालुओं से अपील है कि केवल कतार से ही दर्शन करें एवं दलालों के झांसे में न आएं।
- खाली पेट कतार में न लगें, लंबी प्रतीक्षा के दौरान स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है।
- यदि कोई व्यक्ति विशेष दर्शन के नाम पर धन मांगता है या प्रसाद के बहाने दर्शन में सहायता का दावा करता है, तो यह ठगी का प्रयास है। कृपया तुरंत पुलिस या मंदिर कर्मियों को सूचित करें।
4. निषिद्ध वस्तुएं
धाम में प्रवेश के समय निम्न वस्तुएं प्रतिबंधित रहेंगी:
- बैग
- मोबाइल
- पेन
- धातु की वस्तुएं
कृपया ये वस्तुएं अपने निवास स्थान पर ही छोड़ें, क्योंकि अत्यधिक भीड़ के कारण बैगेज काउंटर संचालित नहीं होंगे।
5. चिकित्सकीय सुविधा
- धाम क्षेत्र में 5 स्थानों पर चिकित्सकीय टीमें तैनात रहेंगी।
- मंदिर न्यास द्वारा संचालित आरोग्य चिकित्सा केंद्र में डॉक्टरों की टीम शिफ्टवार सेवा देगी।
6. सुरक्षा व्यवस्था एवं खोया-पाया केंद्र
- धाम क्षेत्र में 6 खोया-पाया केंद्र स्थापित किए गए हैं।
- पुलिस बल के अतिरिक्त मंदिर न्यास द्वारा अधिकृत निजी सुरक्षा एजेंसी के जवान भी तैनात रहेंगे।
7. निःशुल्क ई-रिक्शा सेवा
गोदौलिया से मैदागिन तक वृद्ध, अशक्त, दिव्यांगजन एवं बच्चों हेतु निःशुल्क ई-रिक्शा सेवा संचालित की जाएगी।
सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि मंदिर प्रशासन द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करें और सुरक्षित, शांतिपूर्ण एवं आध्यात्मिक रूप से समृद्ध दर्शन का अनुभव प्राप्त करें।