24 जनपदों के जिला निर्वाचन अधिकारियों का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम

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वाराणसी। कमिश्नरी सभागार में उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा की अध्यक्षता में जिला निर्वाचन एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें 24 जिलों के जिलाधिकारी द्वारा प्रतिभाग किया गया। उन्होंने प्रशिक्षण सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम सभी निर्वाचन अधिकारियों को ईआरओ (ERO) की प्रभावी निगरानी के लिए बहुत मददगार साबित होगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य आगामी चुनावों के लिए अधिकारियों को तैयार करना है। उन्होंने संविधान के भाग-15 के विभिन्न छह अनुच्छेदों को भी बताया की किस प्रकार संविधान में निर्वाचन को लेकर विभिन्न धाराएं अंकित हैं।

प्रशिक्षण के मुख्य बिंदुओ पर चर्चा की गई
संविधान में दिए गए महत्वपूर्ण अनुच्छेद, भाग 15, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की महत्वपूर्ण धाराएं, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण 1960, राजनैतिक दलों को निर्वाचक नामावलियों की प्रतियां उपलब्ध कराने के बारे में, मतदाता पुनरीक्षण, बूथ लेवल एजेंट की नियुक्ति एवं उत्तरदायित्व, मतदेय स्थलों के विधिक प्रावधान एवं नियम, मतदेय स्थलों का संभाजन, बीएलओ की नियुक्ति एवं दायित्व, बीएलओ की भूमिका एवं कर्तव्य, जिला निर्वाचन अधिकारी की ड्यूटी एवं उत्तरदायित्व, विभिन्न प्रकार के आवेदन पत्रों का सत्यापन, मतदाता सूची में नाम जोड़ना एवं विलोपन, मतदाता सूची की शुद्धता हेतु विभिन्न प्रकार के फॉर्मों,दिव्यांग वोटर्स, जेंडर रेशी को सुधारने के साथ ERONET की प्रक्रिया के विषय में विस्तृत रूप से चर्चा की गई।
मतदाता सूची की शुद्धता: मतदाता सूची को त्रुटिरहित और अद्यतन बनाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इसके लिए नियमित रूप से नए पात्र मतदाताओं को जोड़ने और मृतक या स्थानांतरित मतदाताओं को सूची से हटाने की प्रक्रिया पर चर्चा की जा रही है।
मतदान केंद्रों पर सुविधाएं: मतदान केंद्रों पर मूलभूत सुविधाएं जैसे पीने का पानी, महिला और पुरुष के लिए अलग शौचालय, प्रकाश व्यवस्था, साइनेज, और दिव्यांगों के लिए रैंप आदि सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
बीएलओ ऐप और वोटर सर्विस पोर्टल: बीएलओ ऐप और वोटर सर्विस पोर्टल के माध्यम से मतदाताओं को सुविधाएं प्रदान करने और उनकी समस्याओं का समाधान करने पर चर्चा की गई।
मतदान केंद्रों की संख्या: मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है, ताकि किसी भी मतदान केंद्र पर 1200 से अधिक मतदाता न हों। इससे मतदाताओं को मतदान के लिए लंबी लाइनों में खड़े नहीं रहना पड़ेगा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में मतदाता सूची की त्रुटियों को दूर करने, बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) को प्रशिक्षण देने, संविधान के प्रावधानों से लेकर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1950 के अलग-अलग निर्देशों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि ‘ईआरओ नेट’ एक डाटाबेस है, जिससे मतदाता सूची बनती है। उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश के मुताबिक किन अधिकारियों को बीएलओ के रूप में नियुक्त करना है, उसी के अनुसार बीएलओ की नियुक्ति कराई जा रही है। किसी मतदाता का दो जगह मतदाता सूची में नाम नहीं होने पाये, इसको सुनिश्चित करना है। इसलिए सभी लोग एक ही जगह मतदाता सूची में नाम रखना सुनिश्चित करेंगे। आधार क्यूआर स्कैनर से अवैध आधार की पहचान सुनिश्चित किए जाने की भी चर्चा की गई।

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आज के निर्वाचन प्रशिक्षण में वाराणसी, चंदौली, मिर्जापुर, गाजीपुर, बलिया, आजमगढ़, देवरिया, प्रयागराज, जौनपुर, कौशांबी, मऊ, भदोही, सोनभद्र, कुशीनगर, महराजगंज, अयोध्या, अम्बेडकर नगर, संतकबीर नगर, सुल्तानपुर, अमेठी, सिद्धार्थ नगर, प्रतापगढ़, बस्ती के जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। इससे पूर्व मेरठ में प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रथम चरण में 15 जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जा चुका। प्रशिक्षण सत्र में उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी अमित सिंह द्वारा सभी जानकारियां साँझा की गयीं।