चंदौली जिले के रैथा गांव में सरकारी स्कूल की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश, प्रधानाध्यापक और ग्राम प्रधान पर मिली भगत का आरोप

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चंदौली जिले के कमालपुर क्षेत्र के रैथा गांव में उच्च माध्यमिक विद्यालय की सरकारी भूमि पर कब्जा करने की कोशिशें हो रही हैं। यह मामला सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर एक गंभीर विवाद बन चुका है। ग्राम प्रधान और विद्यालय के प्रधानाध्यापक के बीच मिली भगत की आशंका जताई जा रही है, जिनके द्वारा पिछले दस वर्षों से इस भूमि पर कब्जा करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

गांव में कुछ लोग जो इस जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं, वे पिछले दस वर्षों से इस भूमि पर जुताई-बुआई कर रहे हैं। सरकारी भूमि पर इस तरह का कब्जा और उसका दुरुपयोग एक गंभीर मामला बन चुका है। ग्रामीणों का कहना है कि उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक और ग्राम प्रधान के बीच मिली भगत से कुछ खास लोग इस भूमि पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं, और उन लोगों को निजी लाभ पहुँचाने के लिए यह अवैध गतिविधियां हो रही हैं।

इस संबंध में गांव के ग्रामीण प्रवीण राय ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को लिखित जानकारी दी है और सरकारी विद्यालय की भूमि को कब्जाधारियों से मुक्त कराने की मांग की है। उन्होंने इस मामले में प्रशासन से सख्त कार्रवाई की अपील की है ताकि सरकारी जमीन का सही उपयोग हो सके और अवैध कब्जे को समाप्त किया जा सके।

वहीं, इस मामले में यह भी सामने आया है कि कुछ छुटभइय्या नेता सोशल मीडिया पर इस जमीन को ग्राम समाज की भूमि बताते हुए उसे कब्जाने की कोशिश कर रहे हैं। उनका यह प्रयास न केवल सरकारी विद्यालय की भूमि पर कब्जा करने का है, बल्कि उन्होंने इसे अपनी निजी सम्पत्ति की तरह प्रचारित किया है।

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इस मुद्दे पर हल्का लेखपाल ने भी अपनी रिपोर्ट में यह स्वीकार किया है कि उक्त भूमि वास्तव में स्कूल की ही है, और सरकारी भूमि पर इस तरह का अवैध कब्जा करना न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था को भी नुकसान पहुंचाता है।

ग्रामीणों का कहना है कि यदि शीघ्र ही इस पर प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं की गई तो स्थिति और भी जटिल हो सकती है। प्रशासन से उम्मीद जताई जा रही है कि वे इस मामले की गंभीरता को समझते हुए अवैध कब्जे को समाप्त करेंगे और स्कूल की भूमि को फिर से सही उपयोग के लिए उपलब्ध कराएंगे।

साथ ही, ग्राम प्रधान और प्रधानाध्यापक की मिली भगत के मामले की भी जांच की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सरकारी जमीन का दुरुपयोग रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं।

अवधेश राय धीना