वक्फ संशोधन अधिनियम पर चर्चा

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भारतीय जनता पार्टी की एक बैठक जिला कार्यालय पर आयोजित की गई जिसमें वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 पर चर्चा किया गया कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश मंत्री एवं जिला प्रभारी श्रीमती अनामिका चौधरी जी ने कहा कि वक्फ इस्लामी कानून के अंतर्गत स्थापित एक अपरिवर्तनीय धर्मार्थ निधि है जिसे भारत में वक्फ अधिनियम 1995 के तहत मान्यता प्राप्त और विनियमित किया जाता है इस शब्द में इस्लामी कानून के तहत पवित्र धार्मिक या धर्मार्थ कर्म से किए गए सभी दान शामिल है वक्त बोर्ड और उनके द्वारा नियंत्रित संपत्ति भारत में इस्लामी जीवन के महत्वपूर्ण अंग है क्योंकि वे अनगिनत मस्जिदों धार्मिक और परोपकारी संस्थान ऑन के संरक्षक के रूप में कार्य करते हैं हालांकि वक्त की व्यवस्थापन प्रणाली बहुत दुर्बल है जिसमें कोई जवाब दे ही नहीं रही इसी कारण वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 बनाया गया ताकि वक्फ प्रशासन को सुव्यवस्थित किया जा सके अध्यक्षता करते हुए जिला अध्यक्ष श्री काशी नाथ सिंह जी ने कहा कि 2013 अधिनियम के तहत वक्फ बोर्ड न्यूनतम जांच और संतुलन के साथ एक तरफा रूप से संपत्तियों को वक्फ घोषित कर सकते थे खास तौर पर विवादास्पद उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ प्रावधान के माध्यम से जिसके तहत केवल लंबे समय तक धार्मिक उपयोग के आधार पर संपत्तियों पर दावा करने की अनुमति दी गई थी इससे मनमाने ढंग से संपत्ति के दावे अतिक्रमण और सरकारी संपत्तियों को घोषित करने सहित कई मुद्दे सामने आए वर्तमान अधिनियम वक्फ प्रथम प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाब दे ही बढ़ाने मनमाने ढंग से संपत्ति अधिग्रहण को रोकने का धार्मिक स्वतंत्रता और सामान्य से संबंधित संवैधानिक चिताओं को दूर करने के लिए बनाया गया है कार्यक्रम में प्रमुख रूप से जैनेंद्र कुमार शिवराज सिंह सुरेश मौर्य किरण शर्मा रामसुंदर चौहान आशिष जायसवाल बाडू जायसवाल नरेंद्र सिंह गंगा राम साहनी अरूण मिश्रा सहित मुस्लिम समुदाय अनेक लोग उपस्थित थे ।

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ब्यूरोचीफ गणपत राय