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पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट वाराणसी श्री मोहित अग्रवाल द्वारा साइबर सेल व साइबर थाना के कार्यों की मासिक समीक्षा की गई, साइबर अपराध की रोकथाम, पीड़ितों की सहायता और जनजागरुकता के लिए दिये गये निर्देश

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“साइबर अपराध के रोकथाम, पीड़ितों को त्वरित सहायता और जनजागरुकता अभियानों के क्रम में किये गये हैं तकनीकी और मानव संसाधन का सशक्तिकरण” – पुलिस आयुक्त

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विगत एक वर्ष में साइबर थाना द्वारा किये गये उल्लेखनीय कार्य-

अंतर्राष्ट्रीय एवं अंतर्राज्यीय स्तर पर सक्रिय साइबर अपराधियों के गिरोह के 90 साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी कर आरएस3,60,65,019 की रिकवरी की गई।

माननीय न्यायालय में प्रभावी पैरवी के माध्यम से साइबर फ्रॉड के दो आरोपियों को 07-07 वर्ष की सश्रम कारावास की सज़ा दिलाई गई।

अन्तर्राज्यीय साइबर अपराधियों के विरूद्ध की गयी गैंगस्टर एक्ट की कार्यवाही ।

साइबर अपराध के अनावरण व अपराधियों पर प्रभावी कार्यवाही किये जाने हेतु दिये गये निर्देश-

सभी थानों पर साइबर हेल्प डेस्क स्थापित किये जायें, जिसमें प्रशिक्षित पुलिसकर्मियों की ही हो नियुक्ति जिनके द्वारा साइबर अपराध के मामलों में शिकायतों का पंजीकरण, प्रारंभिक जाँच और साइबर सेल के साथ समन्वय स्थापित कर पीड़ित की मदद की जाये।

सभी पुलिसकर्मी को वर्तमान समय में घटित हो रहे साइबर अपराधों के मोडस ऑपरेंडी एवं उनके अनावरण एवं रोकथाम हेतु समय-समय पर प्रशिक्षित किये जाने हेतु निर्देशित किया गया।

साइबर-थाना और साइबर सेल में नियुक्त पुलिसकर्मियों को डिजिटल फॉरेंसिक विशेषज्ञ, साइबर इंटेलिजेंस एनालिस्ट और डेटा एनालिटिक्स आदि

में प्रशिक्षित किये जाने व तकनीकी संस्थानों के सहयोग से नियमित प्रशिक्षण दिये जाने हेतु निर्देशित किया।

साइबर अपराध से बचाव हेतु व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाये जाने के दिये गये निर्देश-

साइबर अपराधों की जानकारी व बचाव के उपायों के प्रति आमजन को जागरूक करने हेतु व्यापक व प्रेरणादायक अभियान चलाये जाये।

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शैक्षणिक संस्थानों (स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालय) में समय-समय पर कार्यशालाएं आयोजित कर छात्रों को लाइव डेमो व केस स्टडी के जरिए सतर्क किया जाये।

बच्चों और किशोरों को “साइबर सेफ किड्स” के माध्यम से उन्हें अन्जान ऑनलाइन दोस्तों और गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर ठगी से बचने हेतु सजग किया जाये।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि) पर वीडियो इंफोग्राफिक्स व शॉर्ट टिप्स प्रसारित कर जागरूकता फैलायी जाये।

ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में एनीमेटेड वीडियो और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से साइबर सुरक्षा संदेश प्रभावी व मनोरंजक ढंग से प्रसारित किये जाये।

“डिजिटल वॉरियर” कार्यक्रम के तहत युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाये जिससे आमजन को जागरूक करने में सक्रिय भूमिका निभा सकें।

वर्तमान समय में साइबर अपराधियों की मोडस ऑपरेंडी एवं उनसे सुरक्षा व बचाव हेतु सुझाव-

फर्जी कॉल्स, डिजिटल गिरफ्तारी जैसे स्कैम से सावधान रहें। पुलिस व अन्य संस्थायें ऑनलाइन गिरफ्तारी नहीं करती है।

किसी भी संदिग्ध मैसेज या पैसे मांगने वाले उदाहरण- आपका खाता बन्द हो जायेगा, आपके खिलाफ केस दर्ज है जैसे कॉल पूरी तरह फर्जी है ऐसे कॉल की सूचना तत्काल पुलिस को दें।

साइबर अपराधी अक्सर भावनात्मक दबाव उदाहरण- आपका बेटा या परिजन मुसीबत में है, मैं मुसीबत में हूँ मुझे पैसे चाहिये आदि का प्रयोग करते है तो उसकी सत्यता की पुष्टि फोन कॉल या व्यक्तिगत संपर्क से करें।

लुभावने ऑफर, जॉब ऑफर, लॉटरी या निवेश योजनाएं जो अवास्तविक लाभ (कई गुणा लाभ) का वादा करती हों, अक्सर साइबर ठगी का हिस्सा होती है।

अन्जान लिंक पर क्लिक करने से बचे, ये मालवेयर या डेटा चोरी का साधन हो सकते हैं, इससे आपके व्यक्तिगत डाटा साइबर अपराधियों को प्राप्त हो सकते है।

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निजी जानकारी, बैंक खाता विवरण, ओटीपी, पासवर्ड, आदि किसी के साथ साझा न करें।

मजबूत पासवर्ड, दो चरणीय-सत्यापन (टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन) और विश्वसनीय एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का उपयोग करें।

साइबर फ्रॉड/अपराध की स्थिति में करें निम्नलिखित कार्यवाहीः-

प्रथम 24 घण्टे अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं, तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें या निकटतम थाने जाकर रिपोर्ट दर्ज करें।

⚫ साइबरक्राइम.गोव.इन पर शिकायत दर्ज करें। यह पोर्टल हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध है।

सम्बन्धित बैंक को तुरंत सूचित कर खाता फ्रीज़ कराएं और संदिग्ध लेन-देन की जानकारी दें।

स्क्रीनशॉट, मैसेज, कॉल रिकॉर्ड और ई-मेल जैसे साक्ष्य सुरक्षित रखें ये जाँच में सहायक सिद्ध होते हैं।

आज दिनांक 22-04-2025 को पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट वाराणसी श्री मोहित अग्रवाल रा कैम्प कार्यालय स्थित सभागार में साइबर सेल व साइबर थाना के कार्यों की मासिक समीक्षा गोष्ठी गई। गोष्ठी के दौरान पुलिस आयुक्त ने साइबर अपराध (फ्रॉड) की रोकथाम हेतु उपस्थित धिकारियों को लगातार साइबर जागरुकता चलाये जाने हेतु निर्देशित किया। उक्त गोष्ठी के दौरान पर पुलिस आयुक्त अपराध श्री राजेश सिंह उपस्थित, पुलिस उपायुक्त अपराध श्री प्रमोद कुमार, अपर लिस उपायुक्त श्रीमती श्रुती श्रीवास्तव, सहायक पुलिस आयुक्त अपराध एवं अन्य अधिकारी/र्मचारीगण उपस्थित रहे।

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