शिव पंचाक्षर स्तोत्र: महादेव की कृपा प्राप्ति का अद्भुत मार्ग

शिव पंचाक्षर स्तोत्र
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भगवान शिव की आराधना में कई मंत्र और स्तोत्र अत्यंत प्रभावशाली माने जाते हैं, लेकिन शिव पंचाक्षर स्तोत्र का स्थान उनमें विशेष है। यह स्तोत्र आदि शंकराचार्य द्वारा रचित है और इसमें “ॐ नमः शिवाय” मंत्र के पांच अक्षरों की महिमा का वर्णन मिलता है। इस स्तोत्र का पाठ करने से भक्त को शिव कृपा, मानसिक शांति और आध्यात्मिक शक्ति की प्राप्ति होती है। यदि आप भगवान शिव का आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो इस स्तोत्र का नित्य पाठ अवश्य करें।

शिव पंचाक्षर स्तोत्र लिरिक्स


नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय…!
भस्माङ्गरागाय महेश्वराय !!
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय…!
तस्मै न काराय नमः शिवाय ॥१॥

मन्दाकिनी सलिलचन्दन चर्चिताय…!
नन्दीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय !!
मन्दारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय…!
तस्मै म काराय नमः शिवाय ॥२॥

शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्द…!
सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय !!
श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय…!
तस्मै शि काराय नमः शिवाय ॥३॥

वसिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्य…!
मुनीन्द्रदेवार्चितशेखराय !!
चन्द्रार्क वैश्वानरलोचनाय…!
तस्मै व काराय नमः शिवाय ॥४॥

यक्षस्वरूपाय जटाधराय…!
पिनाकहस्ताय सनातनाय !!
दिव्याय देवाय दिगम्बराय…!
तस्मै य काराय नमः शिवाय ॥५॥

पञ्चाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेच्छिवसन्निधौ !!
शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते !!

शिव पंचाक्षर स्तोत्र शिव भक्ति का एक प्रभावशाली स्तोत्र है, जो जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और आत्मिक उन्नति लाने में सहायक है। इसका नित्य पाठ करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और सभी प्रकार के कष्टों का नाश होता है। यदि आप अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक शांति चाहते हैं, तो इस स्तोत्र को अपने नित्य पूजा-पाठ में अवश्य शामिल करें। ॐ नमः शिवाय! 🚩

शिव पंचाक्षर स्तोत्र का महत्त्व


शिव पंचाक्षर स्तोत्र में शिव के पंचाक्षर मंत्र “नमः शिवाय” की महिमा को दर्शाया गया है। यह मंत्र संपूर्ण ब्रह्मांड की ऊर्जा को अपने भीतर समेटे हुए है। इस स्तोत्र का पाठ करने से न केवल भौतिक सुख-समृद्धि प्राप्त होती है, बल्कि आध्यात्मिक उत्थान भी संभव होता है।

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शिव पंचाक्षर स्तोत्र के लाभ


शिव कृपा की प्राप्ति: इस स्तोत्र का नियमित पाठ करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्त को आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

रोगों से मुक्ति: मानसिक तनाव, नकारात्मकता और शारीरिक रोगों से छुटकारा पाने में यह स्तोत्र अत्यंत लाभकारी है।

नकारात्मक ऊर्जा का नाश: इस स्तोत्र के पाठ से घर-परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

सौभाग्य और समृद्धि में वृद्धि: यह स्तोत्र धन, सुख और शांति में वृद्धि करता है।

मोक्ष का मार्ग: आत्मिक उन्नति के साथ-साथ यह स्तोत्र मोक्ष प्राप्ति में सहायक होता है।

शिव पंचाक्षर स्तोत्र पाठ विधि


प्रातः स्नान करें: स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और मन को शांत करें।

शिवलिंग का पूजन करें: भगवान शिव को गंगाजल, दूध, बेलपत्र और धूप-दीप अर्पित करें।

मंत्र जाप करें: पंचाक्षर मंत्र “ॐ नमः शिवाय” का 108 बार जाप करें।

श्रद्धा पूर्वक पाठ करें: शिव पंचाक्षर स्तोत्र का मनोभाव से पाठ करें।

आरती करें और प्रसाद वितरण करें: शिव आरती गाकर प्रसाद बांटें और आशीर्वाद प्राप्त करें।