भारत में सोने का महत्व सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से बेहद गहरा है। यह परंपरा केवल आम जनता तक सीमित नहीं है, बल्कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भी इस धातु को अपने भंडार में महत्वपूर्ण स्थान देता है। हाल ही में, नवंबर 2024 में, RBI ने सोने की खरीदारी में नया रिकॉर्ड स्थापित किया।
आरबीआई ने नवंबर 2024 में 8 टन सोना खरीदा, जिससे भारत का कुल स्वर्ण भंडार 876 टन तक पहुंच गया। यह आंकड़ा देश के स्वर्ण भंडार को औसत स्तर से कई गुणा अधिक बनाता है। मंदी या आर्थिक अस्थिरता की संभावनाओं के समय, भारत का केंद्रीय बैंक सोने की खरीदारी बढ़ा देता है। सोने को वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के समय एक सुरक्षित निवेश माना जाता है, और यही कारण है कि आरबीआई ने अपनी स्वर्ण भंडार नीति को और मजबूत किया है।
सोने की यह बढ़ी हुई खरीदारी न केवल देश की आर्थिक स्थिरता को दर्शाती है, बल्कि यह भारतीय परंपरा का भी प्रमाण है। भारत की ज्यादातर महिलाएं भी सोने की खरीदारी में रुचि रखती हैं, और यह प्रवृत्ति लंबे समय से चली आ रही है। भारतीय संस्कृति में सोने को न केवल आभूषणों के रूप में, बल्कि एक सुरक्षित निवेश के रूप में भी देखा जाता है।
आरबीआई द्वारा किया गया यह कदम दर्शाता है कि जब वैश्विक मंदी की आहट होती है, तब सोना एक मजबूत आर्थिक सुरक्षा कवच के रूप में उभरता है। यह निर्णय भारत की अर्थव्यवस्था और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को संतुलित रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।