राजकुमार हिरानी की फिल्मों में कई बार नज़र आए अभिनेता परीक्षित साहनी को हर कोई पहचानता है। उनका जुड़ाव न केवल सिनेमा से है बल्कि उनका नाम भारतीय साहित्य और थियेटर से भी गहराई से जुड़ा है। मशहूर अभिनेता बलराज साहनी के बेटे और लेखक भीष्म साहनी के भतीजे परीक्षित साहनी आज अपना 81वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनका जीवन प्रेरणा और संघर्ष से भरा रहा है। आइए जानते हैं उनकी कहानी।
परीक्षित साहनी का प्रारंभिक जीवन
परीक्षित साहनी का जन्म 1 जनवरी 1939 को ब्रिटिश भारत (अब पाकिस्तान) में हुआ। उनका जन्म एक प्रगतिशील और शिक्षित परिवार में हुआ, जहां कला और साहित्य का माहौल हमेशा बना रहता था। उनके पिता बलराज साहनी एक जाने-माने अभिनेता और स्वतंत्रता सेनानी थे। बलराज साहनी ने अपने अभिनय के जरिए भारतीय सिनेमा में गहरी छाप छोड़ी। परीक्षित की मां दमयंती साहनी का निधन 1947 में हो गया, जब वह केवल आठ साल के थे। उनकी परवरिश उनके पिता और परिवार के अन्य सदस्यों ने की।
शिक्षा और आरंभिक करियर
परीक्षित साहनी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बोर्डिंग स्कूल में पूरी की। इसके बाद उन्होंने 1958 में भौतिक शास्त्र में स्नातक की डिग्री मुंबई से प्राप्त की। पढ़ाई के दौरान ही उनका झुकाव कला और थियेटर की ओर हुआ। उनके पिता बलराज साहनी ने हमेशा उन्हें शिक्षा और कला के बीच संतुलन बनाए रखने की सीख दी।
राज कपूर के साथ पहला कदम
परीक्षित साहनी ने अपने करियर की शुरुआत राज कपूर की फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ में बतौर असिस्टेंट की। मॉस्को में पढ़ाई के दौरान उन्होंने रशियन कल्चर को करीब से जाना, जिसने उनके अभिनय और कला के प्रति दृष्टिकोण को और गहरा बनाया। फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ में राज कपूर के साथ काम करते हुए उन्होंने सिनेमा की बारीकियों को समझा। इसके बाद उन्हें फिल्म ‘अनोखी रात’ में अभिनय का मौका मिला।
गुल गुलशन गुलफाम से मिली पहचान
परीक्षित साहनी को असली पहचान दूरदर्शन के मशहूर टीवी सीरियल ‘गुल गुलशन गुलफाम’ से मिली। इस सीरियल में उनके अभिनय को दर्शकों ने खूब सराहा। यह शो कश्मीर की खूबसूरती और वहां के सामाजिक मुद्दों पर आधारित था। इस सीरियल ने परीक्षित को घर-घर में लोकप्रिय बना दिया।
राजकुमार हिरानी की फिल्मों में अहम किरदार
राजकुमार हिरानी की फिल्मों में परीक्षित साहनी का योगदान उल्लेखनीय रहा है। उन्होंने ‘लगे रहो मुन्ना भाई’, ‘3 इडियट्स’, और ‘पीके’ जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों में अपने अभिनय से दर्शकों का दिल जीता। इन फिल्मों में उन्होंने ऐसे किरदार निभाए, जो कहानी में गहराई और संवेदनशीलता जोड़ते हैं।
2023 में ‘डंकी’ का हिस्सा
2023 में राजकुमार हिरानी की फिल्म ‘डंकी’ में भी परीक्षित साहनी ने अभिनय किया। इस फिल्म के लिए उन्हें 40 लाख रुपये की फीस मिली। ‘डंकी’ शाहरुख खान और तापसी पन्नू जैसे बड़े सितारों के साथ बनाई गई फिल्म है, जिसमें परीक्षित का किरदार एक बार फिर दर्शकों के दिल को छू गया।
बलराज साहनी से मिली प्रेरणा
परीक्षित साहनी ने अपने पिता बलराज साहनी से न केवल अभिनय सीखा बल्कि जीवन में अनुशासन और मूल्यों का महत्व भी जाना। बलराज साहनी, जो खुद एक फ्रीडम फाइटर और इंग्लिश के प्रोफेसर थे, ने हमेशा अपने बेटे को मेहनत और ईमानदारी का पाठ पढ़ाया।
निजी जीवन और संघर्ष
परीक्षित साहनी का जीवन संघर्षों से भरा रहा। अपनी मां के निधन के बाद, उन्होंने अपने पिता और सौतेली मां संतोष चंदोख के साथ एक मजबूत रिश्ता बनाए रखा। उनका परिवार हमेशा कला और संस्कृति से जुड़ा रहा, जिसने परीक्षित को एक संवेदनशील इंसान और कलाकार बनाया।
थियेटर से सिनेमा तक का सफर
परीक्षित साहनी ने अपने करियर की शुरुआत थियेटर से की। थियेटर में काम करने के दौरान उन्होंने अपने अभिनय को निखारा और खुद को सिनेमा के लिए तैयार किया। उनका मानना है कि थियेटर कलाकार को गहराई और आत्मविश्वास प्रदान करता है।
टीवी और सिनेमा में समान पहचान
परीक्षित साहनी ने टीवी और सिनेमा, दोनों में अपनी अलग पहचान बनाई। ‘गुल गुलशन गुलफाम’ के अलावा उन्होंने ‘जस्ट मोहब्बत’ और अन्य टीवी शोज़ में भी काम किया। वहीं, फिल्मों में उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।
अंतर्राष्ट्रीय अनुभव
मॉस्को में रहने और पढ़ाई करने के दौरान परीक्षित साहनी ने अंतर्राष्ट्रीय कला और संस्कृति को करीब से देखा। इसका प्रभाव उनके काम और सोच में स्पष्ट रूप से झलकता है। उनकी फिल्मों में यह गहराई और विविधता साफ नजर आती है।
आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा
परीक्षित साहनी का जीवन और करियर नई पीढ़ी के कलाकारों के लिए प्रेरणा है। उनका मानना है कि कड़ी मेहनत, अनुशासन और सच्चाई से काम करने वाले लोग हमेशा सफल होते हैं।