नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जेवर, एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा बनने जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को घोषणा की कि एयरपोर्ट का उद्घाटन अप्रैल 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा। इसके साथ ही, यह एयरपोर्ट न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे भारत के लिए आर्थिक विकास और कनेक्टिविटी का एक नया केंद्र बनेगा।
भूमि अधिग्रहण और किसानों की संतुष्टि: प्रतिकर राशि में वृद्धि
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जेवर एयरपोर्ट के लिए तीसरे चरण के भूमि अधिग्रहण के एवज में देय प्रतिकर को रु3100/वर्गमीटर से बढ़ाकर रु 4300/वर्गमीटर तक करने की घोषणा की। इसके साथ ही, प्रभावित किसानों को नियमानुसार ब्याज भी दिया जाएगा। इस घोषणा के बाद किसानों ने संतोष व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया और इसे उनकी “मनचाही मुराद” बताया।
पुनर्वास और रोजगार के वादे
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि भूमि अधिग्रहण से प्रभावित प्रत्येक किसान परिवार के पुनर्वास, रोजगार और सेवायोजन के समुचित प्रबंध किए जाएंगे। इससे यह सुनिश्चित होगा कि एयरपोर्ट विकास परियोजना न केवल क्षेत्र की प्रगति में सहायक हो, बल्कि स्थानीय समुदाय को भी लाभान्वित करे।
एयरपोर्ट की तकनीकी उपलब्धियां
- वेलिडेशन फ्लाइट की सफलता
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने अपनी वेलिडेशन फ्लाइट की सफलतापूर्वक लैंडिंग 9 दिसंबर 2024 को पूरी की। यह तकनीकी सफलता एयरपोर्ट की संचालन क्षमता और विश्व स्तरीय सुविधाओं का प्रमाण है। अप्रैल 2025 से यहां से व्यावसायिक उड़ानों की शुरुआत हो जाएगी। - एमआरओ हब का विकास
एयरपोर्ट परिसर में 40 एकड़ क्षेत्रफल में एमआरओ (मेन्टेनेंस, रिपेयर, और ओवरहॉल) हब का विकास किया जाएगा। इससे एयरलाइन उद्योग को बेहतर तकनीकी सहायता मिलेगी और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
कनेक्टिविटी का विस्तार
- यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरीफेरल रोड
एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए यमुना एक्सप्रेसवे पर एक इंटरचेंज बनाया जाएगा। साथ ही, इसे ईस्टर्न पेरीफेरल रोड से भी जोड़ा जाएगा। - दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल
दिल्ली और वाराणसी को जोड़ने वाली हाई स्पीड रेल के जरिए नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को सीधे जोड़ा जाएगा। इस परियोजना के तहत एयरपोर्ट के टर्मिनल के पास एक स्टेशन बनाया जाएगा, जिससे दिल्ली से एयरपोर्ट की दूरी मात्र 21 मिनट में तय की जा सकेगी। - आरआरटीएस रेल का अनुमोदन
नई दिल्ली और ग्रेटर नोएडा को जोड़ने वाली आरआरटीएस (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) रेल परियोजना की डीपीआर को राज्य सरकार ने अनुमोदित कर दिया है और अंतिम स्वीकृति के लिए भारत सरकार को भेजा गया है। - दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से कनेक्टिविटी
नोएडा एयरपोर्ट को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से बल्लभगढ़ (हरियाणा) के जरिए जोड़ा गया है। यह कुल 30 किमी लंबा है, जिसमें 8.5 किमी उत्तर प्रदेश में और 21.5 किमी हरियाणा में स्थित है। एनएचएआई द्वारा इस सड़क के निर्माण की प्रक्रिया जारी है।
क्षेत्रीय विकास की नई उम्मीदें
- स्थानीय आर्थिक प्रगति
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि क्षेत्रीय स्तर पर भी आर्थिक प्रगति का केंद्र बनेगा। यह परियोजना न केवल औद्योगिक विकास को गति देगी, बल्कि हवाई यात्रा के माध्यम से व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा देगी। - किसानों और स्थानीय समुदाय का समर्थन
किसानों और स्थानीय समुदाय को ध्यान में रखते हुए की गई घोषणाएं इस परियोजना को सभी पक्षों के लिए लाभकारी बनाती हैं। भूमि अधिग्रहण के एवज में उच्च प्रतिकर राशि, पुनर्वास योजनाएं और रोजगार के अवसर इसे विकास की नई ऊंचाई पर ले जाएंगे।