सर्दियों का मौसम स्वास्थ्य के लिए कई चुनौतियां लेकर आता है। जैसे-जैसे तापमान गिरता है, ठंड से जुड़ी आदतें और शारीरिक स्थितियां कई गंभीर समस्याओं, जैसे स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकती हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड के मौसम में कई ऐसे कारक सक्रिय हो जाते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। आइए जानते हैं कि सर्दियों में स्ट्रोक का खतरा क्यों बढ़ता है और इससे बचने के उपाय क्या हैं।
ठंड में क्यों बढ़ता है स्ट्रोक का खतरा
- तापमान में गिरावट का प्रभाव
सर्दियों में तापमान में गिरावट के कारण रक्त वाहिकाएं सिकुड़ने लगती हैं। इस प्रक्रिया को ‘वासोकंस्ट्रिक्शन’ कहा जाता है। इससे रक्तचाप बढ़ता है, जो स्ट्रोक का एक प्रमुख जोखिम कारक है। उच्च रक्तचाप के कारण मस्तिष्क की रक्त वाहिकाएं फट सकती हैं या उनमें रुकावट आ सकती है, जिससे स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
- शारीरिक निष्क्रियता
ठंड के दिनों में लोग घर में ही रहना पसंद करते हैं और शारीरिक गतिविधियां, जैसे योग या व्यायाम, कम कर देते हैं। यह निष्क्रियता वजन बढ़ाने और कोलेस्ट्रॉल के स्तर में वृद्धि का कारण बन सकती है। इन दोनों स्थितियों से रक्तचाप और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है।
- गलत खान-पान की आदतें
सर्दियों में लोग अधिक कैलोरी और मीठे खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं। इन आदतों से वजन बढ़ने के साथ-साथ ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी बढ़ सकता है। यह स्ट्रोक के जोखिम को और अधिक बढ़ा देता है।
सर्दियों में नहाने की गलतियां जो बढ़ा सकती हैं खतरा
- ठंडे पानी से नहाना
ठंडे पानी से नहाने के कारण रक्तचाप में तेजी से वृद्धि हो सकती है। अध्ययनों से पता चलता है कि ठंडे पानी से नहाने पर हृदय की धड़कन और श्वसन दर बढ़ जाती है। यह स्थिति हृदय पर दबाव डालती है और स्ट्रोक का खतरा बढ़ाती है।
- सीधे सिर पर पानी डालना
नहाते समय अगर सीधे सिर पर ठंडा पानी डाला जाए, तो यह रक्त प्रवाह को बाधित कर सकता है। इससे हृदय और मस्तिष्क को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, जो स्ट्रोक का कारण बन सकता है।
- गुनगुने पानी का उपयोग करें
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, सर्दियों में गुनगुने पानी का उपयोग करना चाहिए। नहाने की शुरुआत में कभी भी सीधे सिर पर पानी न डालें। शावर का उपयोग भी कम करें, क्योंकि इससे पानी सीधे सिर पर गिरता है।
स्ट्रोक के अन्य जोखिम कारक
- धूम्रपान और शराब का सेवन
सर्दियों में लोग अक्सर शरीर को गर्म रखने के लिए धूम्रपान और शराब का सेवन बढ़ा देते हैं। यह आदतें रक्तचाप को बढ़ाती हैं और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाती हैं, जिससे स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
- तनाव और अवसाद
सर्दियों के मौसम में दिन छोटे और रातें लंबी होती हैं, जिससे लोग तनाव और अवसाद का शिकार हो सकते हैं। यह मानसिक स्थितियां भी रक्तचाप बढ़ाने और स्ट्रोक के खतरे को बढ़ाने का काम करती हैं।
स्ट्रोक से बचाव के उपाय
- ब्लड प्रेशर पर नजर रखें
उच्च रक्तचाप स्ट्रोक का मुख्य कारण है। नियमित रूप से ब्लड प्रेशर चेक करें और डॉक्टर की सलाह के अनुसार इसे नियंत्रित रखें।
- शारीरिक गतिविधि बनाए रखें
ठंड के मौसम में भी नियमित रूप से व्यायाम और योग करना बहुत जरूरी है। यह न केवल वजन को नियंत्रित रखता है, बल्कि रक्त प्रवाह को भी सुचारू बनाए रखता है।
- संतुलित आहार लें
सर्दियों में हाई कैलोरी और मीठे खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें। अपने आहार में फाइबर, फल, सब्जियां और कम वसा वाले खाद्य पदार्थ शामिल करें।
- गर्म कपड़ों का उपयोग करें
शरीर को ठंड से बचाने के लिए गर्म कपड़े पहनें। सिर और पैरों को ढक कर रखें, क्योंकि इन हिस्सों से शरीर की अधिकतर गर्मी निकलती है।
- तनाव प्रबंधन
तनाव को नियंत्रित करने के लिए ध्यान, मेडिटेशन और मनोवैज्ञानिक तकनीकों का सहारा लें।
सर्दियों में विशेष सावधानियां
- नहाने के समय सावधानी
गुनगुने पानी से नहाएं और सिर पर सीधे पानी डालने से बचें।
- सुबह जल्दी न निकलें
बहुत ठंडे मौसम में सुबह जल्दी बाहर निकलने से बचें। अगर बाहर जाना जरूरी हो, तो गर्म कपड़े पहनें।
- धूम्रपान और शराब से बचें
शराब और धूम्रपान के सेवन से बचें, क्योंकि ये रक्तचाप बढ़ाने का काम करते हैं।