मध्य प्रदेश के इंदौर शहर को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के लिए जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाने का फैसला किया है। 1 जनवरी 2025 से शहर में भिखारियों को भीख देने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। जिला कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि इंदौर में भिक्षा मांगने पर पहले ही प्रतिबंध लगाया जा चुका है। इस अभियान के तहत 31 दिसंबर 2024 तक जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाएगा। इसके बाद भी अगर कोई व्यक्ति भिखारियों को भीख देता पाया गया, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
शहर की छवि सुधरने की उम्मीद
प्रशासन का मानना है कि इस कदम से इंदौर की छवि को बेहतर बनाया जा सकेगा। भिक्षावृत्ति के पीछे छिपे अपराध और शोषण को खत्म करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। भिखारियों को रोजगार के नए अवसर देकर उनका जीवन बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है। यह पहल भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जिसके तहत देश के 10 शहरों को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाना है।
इंदौर बनेगा भिक्षावृत्ति मुक्त शहर
इंदौर, जो स्वच्छता के क्षेत्र में पहले ही देश में शीर्ष स्थान पर है, अब भिक्षावृत्ति मुक्त बनने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। प्रशासन ने नागरिकों से इस पहल में सहयोग करने की अपील की है। यह प्रयास न केवल शहर को सुंदर बनाएगा, बल्कि भिक्षावृत्ति में लिप्त लोगों को एक नई दिशा और बेहतर जीवन जीने का अवसर प्रदान करेगा। इसे सामाजिक बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।