शिव जी को सृष्टि के निर्माता, संहारक और पालनकर्ता के रूप में पूजा जाता है। उनकी आराधना में शिव मंत्रों का विशेष स्थान है। इन मंत्रों में इतनी शक्ति होती है कि यह न केवल मानसिक शांति प्रदान करते हैं, बल्कि जीवन के कई संकटों को भी दूर कर सकते हैं। शिव मंत्रों का जाप करते समय मन को एकाग्र रखना और श्रद्धा के साथ उनका उच्चारण करना बेहद महत्वपूर्ण होता है। ये मंत्र नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकारात्मकता से भर देते हैं। चाहे वह “ॐ नमः शिवाय” हो या महामृत्युंजय मंत्र, हर शिव मंत्र में भक्ति और शक्ति का संगम है।
॥श्री शिवाय नम:॥
श्री शंकराय नम:
॥श्री महेश्वराय नम:॥
श्री सांबसदाशिवाय नम:
॥श्री रुद्राय नम:॥
ॐ पार्वतीपतये नम:
॥ॐ नमो नीलकण्ठाय नम:॥
ॐ मृत्युंजय परेशान जगदाभयनाशन ,
तव ध्यानेन देवेश मृत्युप्राप्नोति जीवती ॥
वन्दे ईशान देवाय नमस्तस्मै पिनाकिने ,
नमस्तस्मै भगवते कैलासाचल वासिने ,
आदिमध्यांत रूपाय मृत्युनाशं करोतु मे ॥
त्र्यंबकाय नमस्तुभ्यं पंचस्याय नमोनमः ,
नमोब्रह्मेन्द्र रूपाय मृत्युनाशं करोतु मे ॥
नमो दोर्दण्डचापाय मम मृत्युम् विनाशय ॥
देवं मृत्युविनाशनं भयहरं साम्राज्य मुक्ति प्रदम् ,
नमोर्धेन्दु स्वरूपाय नमो दिग्वसनाय च ,
नमो भक्तार्ति हन्त्रे च मम मृत्युं विनाशय ॥
अज्ञानान्धकनाशनं शुभकरं विध्यासु सौख्य प्रदम्,
नाना भूतगणान्वितं दिवि पदैः देवैः सदा सेवितम् ॥
सर्व सर्वपति महेश्वर हरं मृत्युंजय भावये ॥
- शिव मंत्र केवल शब्द नहीं हैं; ये ब्रह्मांड की ऊर्जा और शिव की कृपा का प्रतीक हैं। इनका नियमित जाप व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य लाता है। आज के भागदौड़ भरे जीवन में जहां तनाव और नकारात्मकता का बोलबाला है, शिव मंत्रों का अभ्यास मन और आत्मा को संतुलित करता है।
- तो आइए, शिव मंत्रों के माध्यम से भगवान शिव की आराधना करें और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सकारात्मकता से भरें। “ॐ नमः शिवाय” का उच्चारण करते समय अपनी आत्मा को शिव की शक्ति से जोड़ने का अनुभव करें। हर दिन शिवमय बनाएं!