25 सितंबर 2024 को आकाश विश्वकर्मा, जो 18 वर्ष का था, अपने घर से मुंबई के लिए रवाना हुआ। इसके बाद 10 अक्टूबर 2024 को उसके गांव के कुएं से उसका शव बरामद किया गया। इस घटना के बाद आकाश के परिजनों ने हत्या की आशंका जताते हुए मधु पांडे और उनके तीन अन्य साथियों के खिलाफ कंदवा थाने में तहरीर दी, लेकिन अभी तक मामला दर्ज नहीं हुआ है।
आकाश के पिता बैरिस्टर विश्वकर्मा ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री पोर्टल और चंदौली के एसपी को भी प्रार्थना पत्र दिया, लेकिन वहां से भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस निराशा के चलते परिजन न्याय की गुहार लगाने में जुटे हैं।
इस घटना के बाद समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद रामकिशन यादव और वर्तमान सांसद विरेन्द्र सिंह ने शोक संवेदना व्यक्त करने के लिए परिजनों से मुलाकात की। नेताओं ने कहा कि भाजपा सरकार में आम जनता, खासकर दबे-कुचले और शोषित वर्ग के लोगों के साथ अत्याचार हो रहा है, और उन्हें न्याय नहीं मिल पा रहा है।
आकाश की हत्या के मामले में पारिवारिक और राजनीतिक दबाव के बीच, स्थानीय प्रशासन से न्याय की आस है। परिजनों का कहना है कि यदि उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो वे आंदोलन करेंगे।