लोक अदालत सस्ता व सुलभ न्याय पाने का माध्यम है-प्रशासनिक न्यायमूर्ति

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लोक अदालत में निस्तारित वादों के विरूद्ध कोई अपील नहीं होती है-सिद्धार्थ वर्मा

लोक अदलात में निस्तारित वादों के पक्षकारों में न तो कोई पक्ष हारता है, न ही जीतता है-प्रशासनिक न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा

लोक अदालते “न्याय चला निर्धन से मिलने” की संकल्पना को साकार कर रही है-जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश

राष्ट्रीय लोक अदालत में 61069 वादों का निस्तारण हुआ, जिसमें कुल 26 करोड़ से अधिक रूपये वसूल किये गये

     वाराणसी। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं उ० प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में शनिवार को 'राष्ट्रीय लोक अदालत' का आयोजन हुआ किया। जिसका शुभारम्भ प्रशासनिक न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा द्वारा दीप प्रज्वलित तथा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते हुये किया गया। 
    इस अवसर पर प्रशासनिक न्यायमूर्ति ने कहा कि लोक अदालत सस्ता व सुलभ न्याय पाने का माध्यम है। लोक अदालत में निस्तारित वादों के विरूद्ध कोई अपील नहीं होती है, इस प्रकार के मामले अन्तिमतः निस्तारित होते हैं। लोक अदलात में निस्तारित वादों के पक्षकारों में न तो कोई पक्ष हारता है, न ही जीतता है। इसलिए सभी पक्षकार सन्तुष्ट होते हैं। प्रशासनिक न्यायमूर्ति द्वारा सभी न्यायिक अधिकारियों से अधिक से अधिक मुकदमों को निस्तारित किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। इस अवसर पर जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण डा० अजय कृष्ण विश्वेश विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुये कहा गया कि लोक अदालते "न्याय चला निर्धन से मिलने" की संकल्पना को साकार कर रही है। उनके द्वारा इस अवसर पर वादों को निस्तारित किये जाने की अपील की गई। इस अवसर पर पी०ओ० मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण अश्वनी कुमार दूबे, पी०ओ०लारा किरन पाल सिंह यू०बी० आई० क्षेत्रीय प्रमुख संसार चंद तथा लोक अदालत के नोडल अधिकारी राकेश पाण्डेय आदि द्वारा विचार व्यक्त किया गया। लोक अदालत के उद्घाटन सत्र में जनपद न्यायालय के समस्त न्यायिक अधिकारीगण उपस्थित रहे।
    इस राष्ट्रीय लोक अदालत में जनपद न्यायालय में कुल 7762 वादों का निस्तारण किया गया। जिसमे (1) दीवानी के कुल 145 बाद, (2) पारिवारिक बाद 65 (3) मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति के 24 बाद में बीमा कम्पनी द्वारा पीड़ित पक्षकारों को रू0 15950000/- की धनराशि दिलायी गयी (4) फौजदारी के 6339 मामलो जिसमे अर्थदण्ड के रूप में रू०1236200/- वसूल किया गया. (5) एन0 आई0 एक्ट के 63 बाद रू० 4417912 वसूल किया गया (6) बैंकों व कम्यूनिकेशन प्रीलिटिगेशन स्तर के 8542 मामलों का निस्तारण हुआ जिसमें रू० 134214600/ की धनराशि की वसूली हेतु समझौता हुआ (7) प्रशासन एवं अन्य विभागों द्वारा कुल 45726 नादों का निस्तारण किया गया जिसमें रू0 18242151 की धनराशि की वसूली हेतु समझौता हुआ। (8) श्रम विभाग द्वारा फुल 20 वादों का निस्तारण किया गया।जिसमें रूप 1114244/- की धनराशि की वसूली हेतु समझौता हुआ तथा कुल मिलाकर 61069 वादों का

निस्तारण हुआ, जिसमें कुल मिलाकर 260904102.70/- रूपये वसूली किया गया। इस राष्ट्रीय लोक अदालत न्यायालय परिसर में जगह- जगह पर हेल्पडेस्क बनाये गये। जो वादकारियों को आवश्यक सहायता प्रदान किये बैंकों से संबन्धित प्रीलिटिगेशन वाद का संचालन एडवोकेट अनूप कुमार श्रीवास्तव द्वारा किया गया।
जनपद न्यायाधीश तथा अपर जिला जज (एस०सी०/एस०टी०)/नोडल अधिकारी, लोक अदालत राकेश पाण्डेय व विजय कुमार विश्वकर्मा, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा इस राष्ट्रीय लोक अदालत को अत्यधिक सफल बनाने हेतु समस्त न्यायिक) अधिकारियों प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस प्रशासन अधिवक्तागण बैंक अधिकारियो
कर्मचारियों एवं वादकारियों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। साथ ही सम्बन्धित कर्मचारियों के प्रयासों की सराहना की गयी।

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Shiv murti
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