गंगा दशहरा पर्व पर प्रशासन एलर्ट मोड पर

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वाराणसी।गंगा दशहरा पर्व, जो हर साल ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को मनाया जाता है, वाराणसी में धार्मिक और सांस्कृतिक उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस पावन अवसर पर लाखों श्रद्धालु गंगा नदी में स्नान करने के लिए आते हैं, क्योंकि यह मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

वाराणसी प्रशासन, इस विशाल जनसमूह को संभालने के लिए अलर्ट मोड पर होता है। प्रशासनिक तैयारियाँ कई हफ्ते पहले से ही शुरू हो जाती हैं ताकि पर्व के दिन कोई असुविधा न हो। इस दौरान घाटों की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाता है और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाते हैं। पुलिस बल और एनडीआरएफ की टीमें तैनात रहती हैं ताकि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से निपटा जा सके।

भीड़ को नियंत्रित करने और भक्तों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ड्रोन कैमरों का भी उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, मेडिकल टीमें भी विभिन्न घाटों पर मौजूद रहती हैं ताकि स्वास्थ्य संबंधी आपातकालीन स्थिति में तुरंत सहायता प्रदान की जा सके।

प्रशासन के द्वारा घाटों पर बैरिकेडिंग की जाती है और स्नान के लिए विशेष लेन बनाई जाती हैं ताकि भीड़ का बेहतर प्रबंधन हो सके। इसके साथ ही, गंगा नदी की जलस्तर और प्रवाह की निगरानी भी की जाती है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।

वाराणसी प्रशासन इस पावन पर्व के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए प्रतिबद्ध है। प्रशासनिक और सुरक्षात्मक उपायों के साथ ही स्थानीय नागरिकों और स्वयंसेवी संगठनों का भी सहयोग लिया जाता है। इस प्रकार, गंगा दशहरा पर्व का आयोजन वाराणसी में शांति और सुरक्षित रूप से संपन्न होता है, जो धार्मिक आस्था और प्रशासनिक तत्परता का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करता है।

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Shiv murti
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