वाराणसी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार दोपहर वाराणसी लोकसभा सीट से नामांकन किया।पीएम वाराणसी से 2014 और 2019 में लोकसभा के चुनाव में जीत दर्ज चुके हैं।इस बार वाराणसी से पीएम को एक बुजुर्ग रामकुमार वैद्य चुनौती दे रहे हैं।रामकुमार मध्य प्रदेश के दतिया जिले के रहने वाले हैं। रामकुमार समाजसेवी हैं और चूरन बेचते हैं। रामकुमार दतिया के इंदरगढ़ कस्बे के धरतीपकड़ भी कहे जाते हैं। रामकुमार हाल ही में उस समय सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने 25 हजार रुपये की चिल्लर जमाकर नामांकन पत्र खरीदा था।रामकुमार इससे पहले भी पार्षद से लेकर विधायक तक के कई चुनाव लड़ चुके हैं।इस बार रामकुमार ने अपनी लोकसभा बदल लिया है।
रामकुमार वैद्य के नामांकन फॉर्म खरीदने की कहानी भी अजब है। रामकुमार आसपास के इलाके में 1-2 रुपये की चूरन की पुड़िया बेचते हैं।इसी पुड़िया को बेचते-बेचते उनके पास हजारों की संख्या में सिक्के जमा हो गए।इन सिक्कों को झोले में भरकर रामकुमार वाराणसी पहुंचे थे। रामकुमार के थैले में 25 हजार की चिल्लर देख रिटर्निंग अधिकारी भी दंग रह गए थे। बरहाल अफसर ने रामकुमार के सिक्के गिनकर उन्हें नामांकन फॉर्म देते हुए 14 मई को दोपहर 1 बजे नामांकन करने का समय दिया था।खबर लिखे जाने तक रामकुमार वैद्य ने नामांकन नहीं किया था।
रामकुमार वैद्य का कहना है कि वे इलाके की जनसमस्याओं को संसद में उठाने के लिए वाराणसी से चुनाव लड़ने पहुंचे हैं। नामांकन फॉर्म जमा करने के लिए तो सिक्के इकठ्ठे कर लिए, लेकिन अब चुनाव लड़ने लिए व्यवस्था कहां से होगी। इस सवाल पर रामकुमार वैद्य का कहना है कि वे प्लॉट और जमीन बेचकर चुनाव लड़ेंगे।वे यहां की समस्याएं संसद में उठाएंगे।
बता दें कि रामकुमार वैद्य 2018 में निर्दलीय,2022 में नगर पालिका और 2023 में विधायक का चुनाव भी लड़ चुके हैं लेकिन सफलता नहीं मिली थी।