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वाराणसी में भाजपा के दो प्रत्याशीः मोदी के अलावा पूर्व विधायक भी चुनाव मैदान में

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रोहनिया के विधायक रहे सुरेंद्र नारायण सिंह ने भी किया नामांकन।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में चुनाव दिलचस्प हो गया है. चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशियों की होड़ मची है. इसमें एक नया नाम भी जुड़ गया है. भाजपा के रोहनिया विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक सुरेंद्र नारायण सिंह ‘औढ़े‘ ने भी नामांकन किया है।पीएम मोदी के अलावा भाजपा के पूर्व विधायक के चुनाव मैदान में उतरने को लेकर सवाल उठने लगे हैं। ये विरोध करेंगे या सिर्फ डमी प्रत्याशी बनकर सहयोग में रहेंगे।
बता दें कि पूर्व विधायक सुरेंद्र नारायाण सिंह रोहनिया को भाजपा ने वाराणसी लोकसभा चुनाव का संयोजक बनाया है. उन्होंने रोहनिया से वर्ष 2017 में चुनाव जीता था. हालांकि, वर्ष 2022 के चुनाव में भाजपा ने टिकट नहीं दिया. रोहनिया विस सीट भी अपना दल सोनेलाल के खाते में डाल दिया. सुरेंद्र नारायण सिंह भूमिहार बिरादरी के बड़े नेता माने जाते हैं. इंडी गठबंधन से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय चुनाव मैदान में हैं. ऐसे में भूमिहार जाति के मतों का बिखराव हो सकता है. हालांकि, भाजपा के अंदरखाने से जो बातें सामने आ ही हैं उसमें डमी प्रत्याशी के तौर पर सुरेंद्र नारायण सिंह को देखा जा रहा है. चुनाव मैदान में वह पीएम मोदी के सहयोग में रहेंगे. भाजपा का एक धड़ा कह रहा है कि सुरेंद्र नारायण सिंह का नाम वापस हो जाएगा. ऐसा हर बार के चुनाव में किया जाता है. पूर्व के चुनावों में भी पीएम मोदी के अलावा भाजपा के अन्य लोगों ने भी निर्दल प्रत्याशी के तौर पर नामांकन किया था. पीएम मोदी का पर्चा स्वीकार होने के बाद नाम वापसी हो जाती है. इस बार भी ऐसा ही होगा. वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि सुरेंद्र नारायण सिंह ने डमी प्रत्याशी के तौर पर नामांकन किया है. उनके सहयोग से हर बूथ पर भाजपाजनों की ताकत बढ़ेगी. चूंकि, पीएम मोदी मतदान के दिन वाराणसी संसदीय क्षेत्र में नहीं रहते हैं, इसलिए उनकी गैर मौजूदगी में सुरेंद्र नारायण सिंह औढ़े ही प्रत्याशी के तौर पर हर बूथ पर भ्रमण कर सकते हैं।
पार्टी के निर्देश पर किया गया नामांकन
भाजपा प्रत्याशी के तौर पर सुरेंद्र नारायण सिंह का नामांकन हुआ है. उन्होंने इसकी पुष्टि की. कहा कि संगठन का निर्देश था. ऐसे में जहां पीएम मोदी की जीत सुनिश्चित मानी जा रही है वहीं, भाजपा की ओर से दूसरे प्रत्या्शी को उतारने के पीछे मंशा क्या है, राजनीतिक हलकों में इसके निहितार्थ निकाले जा रहे हैं।
अजय राय की पत्नी ने भी किया नामांकन
सिर्फ भाजपा में ही डमी प्रत्याशी के तौर पर नामांकन नहीं हुआ है. इस राह पर कांग्रेस भी चल रही है. इंडी गठबंधन के प्रत्यांशी अजय राय की पत्नी रीना राय ने भी पर्चा दाखिल किया है. संगठन के लोगों का कहना है कि यह भाजपा के संविधान घोंटने के इरादे को देखकर निर्णय लिया गया है. यदि किन्हीं कारणों से अजय राय का पर्चा रद कर दिया जाता है तो रीना राय इंडी गठबंधन की प्रत्याशी मानी जाएंगी. यदि अजय राय का पर्चा सही पाया जाता है तो संभव है कि रीना राय अपना नामांकन वापस ले लें।

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