जयपुर के गोपालपुरा इलाके में एक भयावह घटना घटी, जब एक कोचिंग सेंटर में जहरीली गैस फैलने से 12 छात्राएं बेहोश हो गईं। यह घटना बुधवार की सुबह हुई, जब कोचिंग सेंटर के अंदर अचानक कुछ छात्राओं ने चक्कर आने और सांस लेने में कठिनाई का सामना किया। गैस के कारण कुछ छात्राएं बेहोश हो गईं और पूरे कोचिंग सेंटर में अफरा-तफरी मच गई। घटनास्थल पर स्थानीय लोग और कोचिंग सेंटर के अन्य शिक्षक भी घबराए हुए थे।
सभी छात्राओं को तत्काल सोमानी अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल में सात छात्राओं की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिनमें से दो को आईसीयू में भर्ती किया गया है। गंभीर रूप से बीमार छात्राओं को तत्काल मेडिकल सहायता दी जा रही है, जबकि बाकी छात्राओं की हालत अब स्थिर बताई जा रही है।
गैस के स्रोत का पता नहीं चला, जांच जारी
महेश नगर थाना एसएचओ कविता शर्मा के अनुसार, घटना के बाद से पुलिस और संबंधित अधिकारी घटना की गहन जांच में जुटे हुए हैं। एसएचओ ने बताया कि कोचिंग सेंटर में गैस का कोई स्पष्ट स्रोत नहीं मिला है, जिससे यह घटना घटी। पुलिस ने कोचिंग सेंटर के भीतर की स्थिति की जांच की, लेकिन किसी प्रकार की गैस का स्रोत नहीं पाया गया। साथ ही, आसपास के क्षेत्रों में भी किसी गैस लीक की कोई सूचना नहीं मिली है।
फिलहाल, पुलिस विभाग ने इस मामले की जांच को प्राथमिकता दी है और वे यह सुनिश्चित करने में लगे हैं कि इस खतरनाक घटना के पीछे क्या कारण हो सकता है। चूंकि गैस का स्रोत अभी तक पता नहीं चल सका है, इसलिए पुलिस ने इलाके के पर्यावरणीय विश्लेषण के लिए विशेषज्ञों से मदद लेने का निर्णय लिया है।
कोचिंग सेंटर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर से कोचिंग सेंटर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। खासतौर से यह मामला तब और गंभीर हो गया, जब यह सामने आया कि कोचिंग सेंटर में कोई आपातकालीन प्रक्रिया या उपकरण नहीं थे, जिनकी मदद से तुरंत कार्रवाई की जा सकती थी। घटना के दौरान छात्राओं के अभिभावक और अन्य लोग स्थिति को नियंत्रित करने के लिए किसी प्रकार की कोई योजना नहीं बना सके।
स्थानीय लोगों का कहना है कि कोचिंग सेंटरों में छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। छात्रों को किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति का सामना करने के लिए सही दिशा-निर्देश और उपकरण उपलब्ध कराए जाने चाहिए। यह घटना कोचिंग सेंटरों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक चेतावनी साबित हो सकती है।
अस्पताल में भर्ती छात्राओं की स्थिति
सोमानी अस्पताल में भर्ती छात्राओं की हालत को लेकर अस्पताल के डॉक्टरों ने जानकारी दी कि सात छात्राएं गंभीर स्थिति में हैं, जिनमें से दो को आईसीयू में रखा गया है। डॉक्टरों के मुताबिक, छात्राओं को पहले जहरीली गैस के प्रभाव से सांस लेने में दिक्कत हुई और बाद में उनकी चेतना चली गई। उन्होंने बताया कि अब छात्राओं की स्थिति में कुछ सुधार हो रहा है, लेकिन वे लगातार डॉक्टरों की निगरानी में हैं।
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि सभी छात्राओं को अब आवश्यक उपचार मिल रहा है और वे जल्द ठीक हो सकती हैं। अस्पताल में भर्ती छात्राओं के परिवार वाले भी यहां मौजूद हैं, जो अपनी बेटियों की स्थिति को लेकर चिंतित हैं।
अभिभावकों की चिंता और गुस्सा
इस घटना ने न केवल छात्राओं के परिवारों को चिंतित कर दिया है, बल्कि पूरे इलाके में सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। अभिभावकों ने इस घटना पर गहरी चिंता जताई है और कहा है कि ऐसी स्थिति को देखते हुए कोचिंग सेंटरों में छात्रों के लिए अधिक सुरक्षा और उपचार की सुविधा प्रदान करनी चाहिए।
“हमने कभी नहीं सोचा था कि इस तरह की घटना हमारे बच्चों के साथ घटित होगी। हम चाहते हैं कि ऐसी घटनाएं भविष्य में ना हों, और प्रशासन को इस मामले में सख्त कदम उठाना चाहिए ताकि ऐसी दुर्घटनाएं फिर से न हों,” एक अभिभावक ने कहा।