ॐ जय शिव ओंकारा आरती: महादेव की कृपा प्राप्त करने का पावन मार्ग

ॐ जय शिव ओंकारा आरती
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भगवान शिव संहारकर्ता, करुणा के सागर और भक्तों के अभय दाता हैं। उनकी आराधना करने से समस्त दुःख और कष्ट दूर हो जाते हैं। “ॐ जय शिव ओंकारा” आरती शिवजी की महिमा का गुणगान करती है और उनके अनंत स्वरूप को समर्पित है। यह आरती श्रद्धालुओं के हृदय में भक्ति की भावना जाग्रत करती है और शिव कृपा का अनुभव कराती है। इस लेख में हम आरती के महत्व, विधि और लाभ के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

Om Jai Shiv Omkara Aarti


जय शिव ओंकारा,
ॐ जय शिव ओंकारा…
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा।
ॐ जय शिव ओंकारा…

एकानन चतुरानन पंचानन राजे,
हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे।
ॐ जय शिव ओंकारा…

दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे ,
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे।
ॐ जय शिव ओंकारा…

अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी,
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी।
ॐ जय शिव ओंकारा…

सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी,
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूलधारी।
ॐ जय शिव ओंकारा…

सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे,
श्वेतांबर पीतांबर बाघंबर अंगे।
ॐ जय शिव ओंकारा…

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ,
प्रणवाक्षर में शोभित ये तीनों एका।
ॐ जय शिव ओंकारा…

लक्ष्मी व सावित्री पार्वती संगा,
पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा।
ॐ जय शिव ओंकारा…


त्रिगुणस्वामी जी की आरती जो कोइ नर गावे,
कहत शिवानंद स्वामी सुख संपति पावे ।
ॐ जय शिव ओंकारा…

“ॐ जय शिव ओंकारा” आरती भगवान शिव की महिमा का गुणगान करने का एक श्रेष्ठ मार्ग है। जो भी श्रद्धापूर्वक इस आरती का नित्य पाठ करता है, उसे शिवजी की अपार कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख, शांति एवं समृद्धि का वास होता है। इसलिए, भगवान शिव की भक्ति में लीन होकर इस पावन आरती का गान करें और अपने जीवन को मंगलमय बनाएं।

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ॐ जय शिव ओंकारा आरती की विधि

  • समय और स्थान का चयन – आरती करने के लिए प्रातः या संध्या काल का समय श्रेष्ठ माना जाता है। एक शुद्ध और पवित्र स्थान पर शिवलिंग या शिव प्रतिमा स्थापित करें।
  • पूजा सामग्री – दीप, धूप, नैवेद्य, बेलपत्र, गंगाजल और चंदन से भगवान शिव की पूजा करें।
  • आरती गान – भक्तिपूर्वक दीप प्रज्वलित कर “ॐ जय शिव ओंकारा” आरती का श्रद्धा और भक्ति से गान करें।
  • प्रसाद वितरण – आरती पूर्ण होने के बाद भोग अर्पित करें और प्रसाद को सभी भक्तों में वितरित करें।
  • प्रार्थना और ध्यान – अंत में भगवान शिव से अपनी मनोकामना पूर्ण करने की प्रार्थना करें और ध्यान करें।

ॐ जय शिव ओंकारा आरती के लाभ

  • शांति और सुख – इस आरती के नियमित गान से मन को असीम शांति प्राप्त होती है।
  • सभी दोषों का नाश – ग्रह दोष और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए यह आरती अत्यंत प्रभावी है।
  • संकटों से मुक्ति – जीवन में आ रही कठिनाइयों से छुटकारा पाने के लिए शिव आरती का गान करें।
  • आध्यात्मिक उन्नति – इस आरती का नियमित पाठ करने से आध्यात्मिक चेतना जागृत होती है।