काशी, जिसे वाराणसी के नाम से भी जाना जाता है, सदियों से अपनी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए विख्यात है। हाल ही में काशी में आयोजित किसान सम्मान सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस प्राचीन नगरी की बदलती तस्वीर को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि काशी आज एक नये कलेवर और नई काया के साथ वैश्विक मंच पर अपनी नई पहचान बना रही है, जबकि अपनी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखे हुए है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि काशी में विकास के कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर काम हुआ है। सड़क, परिवहन, स्वच्छता, और बुनियादी ढांचे में सुधार के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और गंगा नदी की सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया है। ये बदलाव न केवल शहरवासियों की जीवनशैली में सुधार ला रहे हैं, बल्कि तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के अनुभव को भी समृद्ध कर रहे हैं।
योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण में किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका को भी उजागर किया। उन्होंने कहा कि किसानों के सम्मान और उनके हितों की रक्षा के लिए सरकार ने कई योजनाएं और कार्यक्रम शुरू किए हैं। फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, और सिंचाई सुविधाओं में सुधार जैसी पहलों के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि की जा रही है। इन योजनाओं का उद्देश्य किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाना है, जिससे काशी और उसके आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों का समग्र विकास हो सके।
मुख्यमंत्री ने काशी के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह शहर सदियों से ज्ञान, संगीत, और कला का केंद्र रहा है। यहां की गलियों, घाटों, और मंदिरों में एक विशेष प्रकार की ऊर्जा है, जो हर आगंतुक को अपनी ओर आकर्षित करती है। बदलती काशी, अपने पारंपरिक मूल्यों को संजोते हुए, आधुनिकता की ओर कदम बढ़ा रही है।
योगी आदित्यनाथ ने सभी से अपील की कि वे इस परिवर्तन में भागीदार बनें और काशी को एक आदर्श नगरी के रूप में विकसित करने में सहयोग करें। इस प्रकार, काशी न केवल भारत में बल्कि विश्वभर में अपनी एक नई पहचान स्थापित करने की दिशा में अग्रसर है।