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ओं नमः पार्वती पते हर हर महादेव जी के जप की चमत्क शक्ति और दिव्य ज्ञान

ओं नमः पार्वती पते हर हर महादेव जी के जप की चमत्क शक्ति और दिव्य ज्ञान

"ओं नमः पार्वती पते, हर हर महादेव" यह जप केवल भगवान का आख्यात्मक मंत्र है जो पार्वती और महादेव जी की जोड़ी जोड़ जोड़ स्मृति की याद दिलाता है और जिन्हें जपन की शक्ति माना जाता है। इस जप की चमत्कता और जीवन में इसके लाभों को जानने के लिए आइएं पूरा लेख ला लंग आर्टिकल् प्रस्तुत किया गया है। Om Namah Parvati Pataye Har Har Mahadev ॐ नमः पार्वती पतये, हर-हर महादेव॥ अर्थ: मैं माता पार्वती के अर्धांग, शिवशंकर को श्रद्धापूर्वक नमन करता/करती हूँ। "ओं नमः पार्वती पते, हर हर महादेव" जी का जप केवल ना केवल जीवन की और्जा…
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पार्वती आरती: माँ की कृपा पाने का श्रेष्ठ माध्यम

पार्वती आरती: माँ की कृपा पाने का श्रेष्ठ माध्यम

माँ पार्वती, जिन्हें जगजननी, शक्ति और प्रकृति का प्रतीक माना जाता है, की आराधना से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। पार्वती आरती एक ऐसी आध्यात्मिक साधना है जिससे भक्तों को माँ की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस लेख में हम "Parvati Aarti" विषय पर विस्तृत जानकारी दे रहे हैं, जिसमें आरती, उसकी विधि और लाभों का सहज, मानवीय और श्रद्धापूर्ण वर्णन है। माता पार्वती आरती जय पार्वती माता जय पार्वती माता,ब्रह्म सनातन देवी शुभ फल की दाता।जय पार्वती माता… अरिकुल पद्म विनाशिनि जय सेवक त्राता,जग जीवन जगदंबा, हरिहर गुण गाता।जय पार्वती माता… सिंह को वाहन साजे,…
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सुंदरकांड स्तोत्र  राम भक्त हनुमान की आराधना का अमोघ स्तोत्र

सुंदरकांड स्तोत्र राम भक्त हनुमान की आराधना का अमोघ स्तोत्र

संकटों से घिरे जीवन में जब कोई राह न सूझे, तब प्रभु श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी का स्मरण करना अत्यंत लाभकारी होता है। ऐसा ही एक दिव्य स्तोत्र है 'सुंदरकांड स्तोत्र', जो श्रीरामचरितमानस के सुंदरकांड से प्रेरित है। यह स्तोत्र भक्तों में ऊर्जा, साहस और विश्वास का संचार करता है। इस लेख में हम सुंदरकांड स्तोत्र के पाठ की विधि, इसके लाभ और इसके पीछे छिपे दिव्य रहस्यों पर प्रकाश डालेंगे। सुंदरकांड स्तोत्र ॐ श्री गणेशाय नमः। श्रीजानकीवल्लभो विजयते,श्रीरामचरितमानस पञ्चम सोपान श्री सुन्दरकाण्ड। श्लोक शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदं।ब्रह्माशम्भुफणीन्द्रसेव्यमनिशं वेदान्तवेद्यं विभुम्।रामाख्यं जगदीश्वरं सुरगुरुं मायामनुष्यं हरिंवन्देऽहं करुणाकरं रघुवरं भूपालचूड़ामणिम्॥1 ॥ नान्या…
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सूर्या आरती : जीवन को च्मक्कारी ज्योति का चारी चाका

सूर्या आरती : जीवन को च्मक्कारी ज्योति का चारी चाका

सूर्य देव की उपासना भागाता के जीवन में ज्योति और ज्योतिष्ठा जगाती है। सूर्या आरती के चार्ण के माध्यम से जीवन में प्रकाश्ता और ऊजालता की प्राप्ति जागती है। इस लेख में हम "सूर्या आरती" की लिरिक्स, पाठ की विधि, और उसके चमत्कारी लाभों की जानकारी करेंगे। सूर्या आरती ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।।।ॐ जय सूर्य भगवान...।। सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी। तुम चार भुजाधारी।।अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे। तुम हो देव महान।।।।ॐ जय सूर्य भगवान...।। ऊषाकाल में जब…
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भक्तामर स्तोत्र: चमत्कारी जैन स्तुति की दिव्यता और महिमा

भक्तामर स्तोत्र: चमत्कारी जैन स्तुति की दिव्यता और महिमा

भक्तामर स्तोत्र जैन धर्म का एक अत्यंत प्रभावशाली और प्राचीन स्तोत्र है, जिसकी रचना आचार्य मानतुंग ने की थी। यह स्तोत्र न केवल आध्यात्मिक बल देता है, बल्कि मानसिक और शारीरिक कष्टों को दूर करने में भी सहायक माना जाता है। इसका पाठ साधक को चमत्कारी अनुभवों से भर देता है। इस लेख में हम 'bhaktamar stotra' की विधि, लाभ और विशेषताओं पर प्रकाश डालेंगे। भक्तामर स्तोत्र भक्तामर-प्रणत-मौलि-मणि-प्रभाणा-मुद्योतकं दलित-पाप-तमो-वितानम् ।सम्यक्-प्रणम्य जिन प-पाद-युगं युगादा-वालम्बनं भव-जले पततां जनानाम् ॥1॥ य: संस्तुत: सकल-वां मय-तत्त्व-बोधा-दुद्भूत-बुद्धि-पटुभि: सुर-लोक-नाथै: ।स्तोत्रैर्जगत्-त्रितय-चित्त-हरैरुदारै:,स्तोष्ये किलाहमपि तं प्रथमं जिनेन्द्रम् ॥2॥ बुद्ध्या विनापि विबुधार्चित-पाद-पीठ!स्तोतुं समुद्यत-मतिर्विगत-त्रपोऽहम् ।बालं विहाय जल-संस्थित-मिन्दु-बिम्ब-मन्य: क इच्छति जन: सहसा ग्रहीतुम्…
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शिव चालीसा लिरिक्स: भोलेनाथ की कृपा पाने का सरल मार्ग

शिव चालीसा लिरिक्स: भोलेनाथ की कृपा पाने का सरल मार्ग

शिव चालीसा का पाठ करना शिवभक्तों के लिए एक महान आध्यात्मिक साधना है। भगवान शिव, जिन्हें भोलेनाथ कहा जाता है, शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवता हैं। उनकी आराधना सरल है, परंतु अत्यंत प्रभावशाली। “Shiv Chalisa Lyrics” की खोज उन भक्तों के लिए है जो शिव जी की स्तुति करना चाहते हैं और अपने जीवन को सुख, शांति व समृद्धि से भरना चाहते हैं। इस लेख में हम शिव चालीसा के लिरिक्स के साथ-साथ उसकी विधि और लाभों पर भी प्रकाश डालेंगे। शिव चालीसा लिरिक्स ॥दोहा॥ श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान॥कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥ ॥चौपाई॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला,सदा…
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शिव तांडव स्तोत्रम लिरिक्स इन हिंदी: भोलेनाथ के रौद्र और सौंदर्य का अद्भुत संगम

शिव तांडव स्तोत्रम लिरिक्स इन हिंदी: भोलेनाथ के रौद्र और सौंदर्य का अद्भुत संगम

भगवान शिव का तांडव स्वरूप उनके रौद्र रूप की झलक प्रस्तुत करता है, जिसमें उनका सौंदर्य, शक्ति और ब्रह्मांडीय नृत्य एक साथ प्रकट होते हैं। रावण द्वारा रचित "शिव तांडव स्तोत्रम" न केवल काव्य सौंदर्य से भरपूर है, बल्कि यह शिवभक्तों के लिए साधना, भक्ति और शक्ति का अद्वितीय स्रोत भी है। इस लेख में हम शिव तांडव स्तोत्रम के लिरिक्स, पाठ विधि और इसके चमत्कारी लाभों के बारे में विस्तार से जानेंगे। शिव तांडव स्तोत्रम लिरिक्स इन हिंदी जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थले,गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्गतुङ्गमालिकाम्।डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयं,चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम्।1। जटाकटाहसम्भ्रमभ्रमन्निलिम्पनिर्झरी,विलोलवीचिवल्लरीविराजमानमूर्धनि।धगद्धगद्धगज्ज्वलल्ललाटपट्टपावके,किशोरचन्द्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम।2। धराधरेन्द्रनंदिनीविलासबन्धुबन्धुर,स्फुरद्दिगन्तसन्ततिप्रमोदमानमानसे।कृपाकटाक्षधोरणीनिरुद्धदुर्धरापदि,क्वचिच्चिदम्बरे मनो विनोदमेतु वस्तुनि।3। जटाभुजङ्गपिङ्गलस्फुरत्फणामणिप्रभा,कदम्बकुङ्कुमद्रवप्रलिप्तदिग्वधूमुखे।मदान्धसिन्धुरस्फुरत्त्वगुत्तरीयमेदुरे,मनो विनोदमद्भुतं बिभर्तु भूतभर्तरि।4। सहस्रलोचनप्रभृत्यशेषलेखशेखर,प्रसूनधूलिधोरणी…
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पार्वती मंत्र: माँ की कृपा पाने का शक्तिशाली साधन

पार्वती मंत्र: माँ की कृपा पाने का शक्तिशाली साधन

माँ पार्वती शक्ति की अधिष्ठात्री देवी हैं, जो प्रेम, करुणा, सौंदर्य और समर्पण का प्रतीक हैं। 'Parvati Mantra' एक ऐसा दिव्य माध्यम है जिससे साधक माँ की कृपा, सौभाग्य और मानसिक शांति प्राप्त कर सकता है। इस लेख में हम पार्वती मंत्र के महत्व, उसकी सही विधि और उससे मिलने वाले लाभों पर प्रकाश डालेंगे। पार्वती मंत्र माता च पार्वती देवी पिता देवो महेश्वर:बान्धवा: शिवभक्ताश्च, स्वदेशो भुवनत्रयम ॥ 'Parvati Mantra' न केवल एक धार्मिक साधन है, बल्कि आत्मा को जोड़ने वाला एक दिव्य सेतु है। जो भी श्रद्धा और विधिपूर्वक इसका जाप करता है, वह माँ पार्वती की कृपा का…
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पार्वती चालीसा लिरिक्स: माँ की कृपा प्राप्त करने का अमोघ साधन

पार्वती चालीसा लिरिक्स: माँ की कृपा प्राप्त करने का अमोघ साधन

माँ पार्वती, जगत जननी, शिवशक्ति का वह स्वरूप हैं जिनकी आराधना से सौभाग्य, सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। पार्वती चालीसा, माँ की स्तुति में रचित एक शक्तिशाली भक्ति स्तोत्र है जो नारी शक्ति, भक्ति और पारिवारिक समृद्धि का प्रतीक है। इस लेख में हम "Parvati Chalisa Lyrics" के साथ-साथ उसकी पाठ विधि और लाभों पर विस्तार से चर्चा करेंगे। पार्वती चालीसा लिरिक्स ॥ दोहा ॥ जय गिरी तनये दक्षजे,शम्भु प्रिये गुणखानि।गणपति जननी पार्वती,अम्बे! शक्ति! भवानि॥ ॥ चौपाई ॥ ब्रह्मा भेद न तुम्हरो पावे।पंच बदन नित तुमको ध्यावे॥षड्मुख कहि न सकत यश तेरो।सहसबदन श्रम करत घनेरो॥ तेऊ पार…
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शिव चालीसा आरती: भोलेनाथ की कृपा पाने का दिव्य माध्यम

शिव चालीसा आरती: भोलेनाथ की कृपा पाने का दिव्य माध्यम

भगवान शिव, जिन्हें महादेव, भोलेनाथ और त्रिपुरारी के नाम से जाना जाता है, भक्तों के सरल भाव से प्रसन्न होने वाले देवता हैं। शिव चालीसा और शिव आरती, दोनों ही उनके भक्तों को आत्मिक शांति, रोग मुक्ति और समृद्धि का वरदान देती हैं। इस लेख में हम "shiv chalisa aarti" के महत्व, पाठ की विधि और लाभों की जानकारी साझा करेंगे, ताकि आप शिव भक्ति में एक प्रभावशाली आरंभ कर सकें। शिव चालीसा आरती ॥दोहा॥ श्री गणेश गिरिजा सुवन।मंगल मूल सुजान॥कहत अयोध्यादास तुम।देहु अभय वरदान॥ ॥चौपाई॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला,सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥भाल चन्द्रमा सोहत नीके,कानन कुण्डल नागफनी के॥ अंग गौर शिर…
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