

“ओं नमः पार्वती पते, हर हर महादेव” यह जप केवल भगवान का आख्यात्मक मंत्र है जो पार्वती और महादेव जी की जोड़ी जोड़ जोड़ स्मृति की याद दिलाता है और जिन्हें जपन की शक्ति माना जाता है। इस जप की चमत्कता और जीवन में इसके लाभों को जानने के लिए आइएं पूरा लेख ला लंग आर्टिकल् प्रस्तुत किया गया है।

Om Namah Parvati Pataye Har Har Mahadev
ॐ नमः पार्वती पतये, हर-हर महादेव॥
अर्थ: मैं माता पार्वती के अर्धांग, शिवशंकर को श्रद्धापूर्वक नमन करता/करती हूँ।
“ओं नमः पार्वती पते, हर हर महादेव” जी का जप केवल ना केवल जीवन की और्जा की द्वारा को खुला करता है। जो भक्त इसकी श्रद्धा से जप करता है, उसके जीवन में शांति, दीर्घता और नयाय का वास और श्री महादेव जी की कृपा मिलती है।
जप की विधि (Vidhi)
- प्रातः नित्य स्नान कार्य के बाद शुद्ध वस्त्र पर बैठकर जप शुरु करें।
- जाप के समय चित्र जल, बील पत्रा, और कुशा का चैटान जरूर लगाएं।
- कीने गी की प्रतिमा और चांदी जलाएं।
- जप की काल के दौरान धूनि जूप जालें, जैसे में सान्तुलन और शांति बनी रहे।
- जाप के बाद “ओं नमः पार्वती पते, हर हर महादेव” की 11, 21 या 108 बार जाप करें।
- जाप के बाद भजन का गान करें और कृपा मांगे।
जप के लाभ (Labh)
- जीवन में शांति और शक्ति का प्रवेश बनाया रहता है।
- मानसिक शांति, चिंता और भय की जीवन से मुक्ति कारी करता है।
- घर में काली और क्लेश की भाव बनी रहती है।
- कार्य और व्यवसाय में सफलता प्राप्त करता है।
- जोड़ी-जोड़ कार्यों और संज्गर्ह की सीञ्चता की पूर्णति कारी करता है।