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शराब ही नहीं, मोटापा-मधुमेह भी लिवर कैंसर के बड़े कारण

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66% मौतों के लिए गैर-संचारी रोग जिम्मेदार

लिवर कैंसर को आमतौर पर अत्यधिक शराब सेवन से जोड़ा जाता है, लेकिन यह धारणा पूरी तरह से सही नहीं है। विशेषज्ञों के अनुसार मोटापा और मधुमेह भी लिवर कैंसर के प्रमुख कारणों में से हैं। देश के प्रमुख लिवर रोग विशेषज्ञ डॉ. एसके सरीन का कहना है कि 100 लिवर कैंसर के मामलों में से 40 में मोटापा और 30 में मधुमेह इसके लिए जिम्मेदार पाए गए हैं। लोगों में यह गलतफहमी है कि केवल शराब पीने से लिवर खराब होता है, जबकि भारत में मोटापा भी लिवर की समस्याओं का बड़ा कारण है।

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लिवर बीमारियों के लिए नए दिशा-निर्देश लागू

शुक्रवार को केंद्र सरकार ने लिवर रोगों को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत सभी राज्यों में समान प्रोटोकॉल लागू किए जाएंगे, जिससे डॉक्टरों को लिवर की बीमारियों की पहचान जल्दी करने में मदद मिलेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने वर्चुअल सम्मेलन में बताया कि भारत में लिवर रोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मोटापा, मधुमेह और हृदय रोग जैसे चयापचय संबंधी विकार लिवर की बीमारियों से जुड़े हैं। एक अनुमान के अनुसार, अगले कुछ सालों में 10 में से तीन लोगों को लिवर की बीमारी हो सकती है। इस समस्या की गंभीरता को समझते हुए सरकार ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनके माध्यम से जिला स्तर पर डॉक्टर मरीजों की जल्द पहचान कर सकेंगे।

30% आबादी फैटी लिवर से पीड़ित

भारत में लगभग 30 प्रतिशत आबादी फैटी लिवर से प्रभावित है, जो लिवर कैंसर का प्रारंभिक चरण हो सकता है। डॉ. सरीन के अनुसार, ऐसे लोगों को अपने वजन पर नियंत्रण रखना चाहिए और आहार में परिवर्तन करना चाहिए। भोजन में 60% अनाज और शुगर-रहित फल का सेवन करने की सलाह दी जाती है। कुछ अध्ययनों से यह भी पता चला है कि कॉफी के सेवन से फैटी लिवर और लिवर कैंसर का खतरा कम हो सकता है। हालांकि, भारत में इस पर और अधिक शोध की आवश्यकता है।

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लिवर की बीमारियां केवल शराब पीने से नहीं होती, बल्कि मोटापा और मधुमेह भी इसके बड़े कारण हैं। भारत में बढ़ते मोटापे और मधुमेह की वजह से लिवर की बीमारियों का खतरा भी तेजी से बढ़ रहा है। सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देश लिवर रोगों की समय पर पहचान और उपचार में मदद करेंगे, जिससे आने वाले समय में इस गंभीर समस्या को नियंत्रित किया जा सकेगा।

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