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मौसम बदलने पर बीमारियों का खतरा क्यों बढ़ता है और कैसे रहें स्वस्थ?

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फरवरी के अंत और मार्च की शुरुआत में मौसम में बदलाव साफ नजर आने लगता है। दिन में तेज धूप और गर्मी महसूस होती है, तो सुबह-शाम हल्की ठंडक रहती है। यह बदलाव केवल हमारे आसपास के माहौल में नहीं, बल्कि हमारे शरीर पर भी असर डालता है।

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मौसम बदलते ही कई लोगों को सर्दी-खांसी, बुखार, पेट की समस्याएं और स्किन एलर्जी जैसी तकलीफें होने लगती हैं। इसका मुख्य कारण शरीर का अचानक बदलते तापमान और वातावरण के साथ तालमेल न बिठा पाना है। आइए समझते हैं कि मौसम बदलने पर बीमारियों का खतरा क्यों बढ़ता है और किन तरीकों से हम खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।

मौसम बदलते ही शरीर कमजोर क्यों पड़ जाता है?

  1. रोग प्रतिरोधक क्षमता पर असर*
    जब मौसम बदलता है, तो हमारा इम्यून सिस्टम प्रभावित होता है, जिससे शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है।
  2. तापमान में उतार-चढ़ाव
    अचानक गर्मी या ठंड बढ़ने से शरीर को नए माहौल के हिसाब से ढलने में समय लगता है, जिससे वायरल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
  3. बैक्टीरिया और वायरस का प्रसार
    गर्मी बढ़ने के साथ ही हवा में नमी बढ़ जाती है, जिससे बैक्टीरिया और वायरस तेजी से पनपते हैं। यह फूड पॉइजनिंग, डायरिया और इंफेक्शन का खतरा बढ़ा सकता है।
  4. पाचन क्रिया पर असर
    मौसम बदलने के दौरान पाचन क्रिया प्रभावित होती है, जिससे अपच, एसिडिटी और डायरिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
  5. नींद की गुणवत्ता पर असर
    तापमान में बदलाव से नींद भी प्रभावित होती है, जिससे शरीर में थकावट, सिरदर्द और सुस्ती महसूस होती है।
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मौसम बदलने पर कौन-कौन सी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है?

  1. सर्दी-खांसी और वायरल बुखार
    तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण गले में खराश, नाक बंद होना, छींकें आना और बुखार जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
  2. डायरिया और पेट की समस्याएं
    गर्मी बढ़ने के साथ ही खाना जल्दी खराब होने लगता है, जिससे फूड पॉइजनिंग, गैस, अपच और डायरिया जैसी परेशानियां हो सकती हैं।
  3. डिहाइड्रेशन (पानी की कमी)
    शरीर को ज्यादा पानी की जरूरत होती है, लेकिन कई लोग पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते, जिससे कमजोरी, सिरदर्द और चक्कर आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
  4. स्किन इंफेक्शन और एलर्जी
    गर्मी के कारण अधिक पसीना आता है और धूल-मिट्टी से त्वचा पर फंगल इंफेक्शन, खुजली और दाने निकल सकते हैं।

मौसम बदलने पर स्वस्थ रहने के उपाय

  1. इम्यून सिस्टम को मजबूत करें
  • विटामिन C युक्त फल जैसे नींबू, संतरा और आंवला खाएं।
  • तुलसी, अदरक और हल्दी वाले पेय पिएं।
  • रोजाना एक्सरसाइज करें ताकि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे।
  1. स्वस्थ खान-पान अपनाएं
  • हल्का और ताजा भोजन करें।
  • बाहर का खाना खाने से बचें, खासकर स्ट्रीट फूड।
  • तली-भुनी और ज्यादा मसालेदार चीजों से परहेज करें।
  1. पर्याप्त पानी पिएं
  • दिनभर में 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं।
  • नारियल पानी और ताजे फलों का जूस भी फायदेमंद होता है।
  1. साफ-सफाई का ध्यान रखें
  • हाथ धोने की आदत डालें, खासकर खाने से पहले और टॉयलेट के बाद।
  • घर और आसपास की जगहों को साफ रखें ताकि बैक्टीरिया और वायरस न पनपें।
  1. पर्याप्त नींद लें
  • रोजाना कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें।
  • सोने और जागने का समय तय करें ताकि शरीर की बायोलॉजिकल क्लॉक सही बनी रहे।
  1. मौसम के हिसाब से कपड़े पहनें
  • सुबह-शाम हल्की ठंडक हो सकती है, इसलिए हल्के गर्म कपड़े पहनें।
  • गर्मी बढ़ने पर सूती और हल्के कपड़े पहनें ताकि पसीने से बचाव हो सके।
  1. संक्रमण से बचाव करें
  • भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें, खासकर अगर किसी को सर्दी-खांसी है।
  • संक्रमित व्यक्ति से उचित दूरी बनाए रखें।
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मौसम परिवर्तन के दौरान बीमारियों का खतरा इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि हमारा शरीर अचानक बदलते तापमान और वातावरण के साथ तालमेल नहीं बिठा पाता। रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ने के कारण संक्रमण जल्दी फैलता है।

अगर हम अपने खान-पान, हाइजीन और दैनिक दिनचर्या का ध्यान रखें, तो इन बीमारियों से बचा जा सकता है। पर्याप्त पानी पिएं, पौष्टिक आहार लें, नींद पूरी करें और सफाई का ध्यान रखें। ये छोटे-छोटे बदलाव हमें स्वस्थ बनाए रखने में मदद करेंगे।

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