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शुगर के लेवल में असंतुलन: उच्च और निम्न शुगर के स्वास्थ्य प्रभाव

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हाई शुगर और लो शुगर दोनों ही स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकते हैं। जहां हाई शुगर लेवल के बारे में अक्सर चर्चा होती रहती है, वहीं लो शुगर की समस्या भी गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं का कारण बन सकती है। आइए, इस बारे में विस्तार से जानते हैं कि शुगर का बढ़ना और घटना कैसे सेहत को प्रभावित कर सकता है।

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हाई शुगर: गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत

डायबिटीज, एक ऐसी बीमारी है जो ब्लड शुगर को बढ़ा देती है। सामान्यत: खाली पेट शुगर का स्तर 125 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर से अधिक होने पर इसे हाई शुगर माना जाता है। अगर शुगर के स्तर को समय पर कंट्रोल न किया जाए तो यह किडनी, आंख, लिवर और मेटाबॉलिज्म से संबंधित गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि हाई शुगर लेवल लंबे समय तक बनाए रहने से शरीर में कई प्रकार की जटिलताएं हो सकती हैं, जैसे:

  • अधिक भूख और प्यास लगना
  • बार-बार पेशाब आना
  • सिरदर्द और धुंधला दिखाई देना
  • थकान और वजन का कम होना
  • बार-बार यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) या त्वचा में संक्रमण
  • घावों का धीरे-धीरे ठीक होना
  • यदि आप इनमें से कोई लक्षण महसूस कर रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, क्योंकि हाई शुगर की स्थिति को गंभीरता से लेना बहुत जरूरी है।

लो शुगर: हाइपोग्लाइसीमिया की स्थिति

लो शुगर को हाइपोग्लाइसीमिया कहा जाता है, जब रक्त में शर्करा का स्तर 70 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर से नीचे गिर जाता है। यह स्थिति विशेष रूप से डायबिटीज के मरीजों में देखी जाती है, खासकर उन लोगों में जो इंसुलिन का इंजेक्शन लेते हैं। अगर इसे समय रहते नियंत्रित न किया जाए तो यह गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है। हाइपोग्लाइसीमिया के लक्षणों में शामिल हैं:

  • चक्कर आना और पसीना आना
  • थकान, कमजोरी और सिरदर्द
  • घबराहट या बेचैनी महसूस होना
  • हाथ-पैर कांपना
  • जबड़ों का बैठ जाना
  • भ्रम की स्थिति या बोलने में कठिनाई
  • बेहोशी या कोमा (बहुत गंभीर स्थिति में)
  • अगर ये लक्षण महसूस हों तो तुरंत डॉक्टर से मिलना जरूरी है, क्योंकि हाइपोग्लाइसीमिया की स्थिति को अनदेखा करना आपके लिए खतरनाक हो सकता है।
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लो शुगर के कारण और समाधान

लो शुगर के कई कारण हो सकते हैं, जैसे दवाओं या इंसुलिन की अधिक मात्रा लेना, भोजन न करना, भोजन के समय में बदलाव या शराब का सेवन। यदि आपका शुगर लेवल घट जाए तो तुरंत ग्लूकोज बिस्किट, शुगर कैंडी या फलों का जूस पीकर शुगर की कमी को दूर करें। थोड़ी देर बाद फिर से शुगर की जांच करें। अगर फिर भी शुगर सामान्य नहीं हो रहा है या लक्षणों में राहत नहीं मिल रही है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

निवारण: शुगर लेवल को संतुलित रखने के उपाय

हाइपोग्लाइसीमिया और हाइपरग्लाइसीमिया दोनों ही स्थितियां गंभीर हो सकती हैं, लेकिन सही जानकारी और सावधानी से इन्हें नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लिए कुछ महत्वपूर्ण उपायों पर ध्यान देना चाहिए:

  • नियमित रूप से संतुलित आहार लें।
  • रोजाना शुगर का स्तर चेक करें।
  • शारीरिक गतिविधियों पर ध्यान दें।
  • इन उपायों से आप अपने शुगर लेवल को नियंत्रित रख सकते हैं और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकते हैं।

शुगर का असंतुलन शरीर के लिए खतरनाक हो सकता है, चाहे वह हाई शुगर हो या लो शुगर। इसलिए, अपनी सेहत का ध्यान रखना और समय-समय पर शुगर जांच कराना बेहद जरूरी है। यदि किसी भी प्रकार के लक्षण महसूस हों, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

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