विश्वकर्मा पूजा आरती: श्रम और समर्पण के देव की भक्ति में लीन एक विशेष दिन

विश्वकर्मा पूजा आरती
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विश्वकर्मा भगवान को देव शिल्पी के रूप में जाना जाता है, जो सृजन, निर्माण और तकनीकी ज्ञान के प्रतीक हैं। हर साल विशेष रूप से इंजीनियर, कारीगर, श्रमिक और तकनीकी क्षेत्र से जुड़े लोग विश्वकर्मा पूजा करते हैं। इस लेख में हम “Vishwakarma Puja Aarti” के महत्व, पूजा की सही विधि और इसके लाभों की जानकारी देंगे।

Shree Vishwakarma Ji Ki Aarti


ॐ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु जय श्री विश्वकर्मा…

सकल सृष्टि के कर्ता रक्षक श्रुति धर्मा ll
!! ॐ जय श्री विश्वकर्मा !!

आदि सृष्टि में विधि को, श्रुति उपदेश दिया…
शिल्प शस्त्र का जग में, ज्ञान विकास किया ll
!! ॐ जय श्री विश्वकर्मा !!

ऋषि अंगिरा ने तप से, शांति नही पाई…
ध्यान किया जब प्रभु का, सकल सिद्धि आई ll
!! ॐ जय श्री विश्वकर्मा !!

रोग ग्रस्त राजा ने, जब आश्रय लीना…
संकट मोचन बनकर, दूर दुख कीना ll
!! ॐ जय श्री विश्वकर्मा !!

जब रथकार दम्पती, तुमरी टेर करी…
सुनकर दीन प्रार्थना, विपत्ति हरी सगरी ll
!! ॐ जय श्री विश्वकर्मा !!

एकानन चतुरानन, पंचानन राजे…
द्विभुज, चतुर्भुज, दशभुज, सकल रूप साजे ll
!! ॐ जय श्री विश्वकर्मा !!

ध्यान धरे जब पद का, सकल सिद्धि आवे…
मन दुविधा मिट जावे, अटल शांति पावे ll
!! ॐ जय श्री विश्वकर्मा !!

श्री विश्वकर्मा जी की आरती, जो कोई नर गावे…
कहत गजानन स्वामी, सुख सम्पत्ति पावे ll
!! ॐ जय श्री विश्वकर्मा !!

विश्वकर्मा पूजा केवल धार्मिक कर्मकांड नहीं, बल्कि यह श्रम, तकनीक और निर्माण कार्यों के प्रति आस्था और कृतज्ञता प्रकट करने का पर्व है। जो भी श्रद्धा से इस दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा करता है, उसके जीवन में रचनात्मक ऊर्जा और सफलता का संचार होता है।

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पूजा विधि

  • प्रातः काल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • पूजा स्थान को स्वच्छ कर के रंगोली बनाएं।
  • भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  • पूजा स्थान पर अपने औजार, मशीनरी या वाहन भी रखें।
  • दीपक, अगरबत्ती जलाएं।
  • फूल, अक्षत, रोली, चंदन आदि अर्पित करें।
  • श्री विश्वकर्मा की आरती करें।
  • प्रसाद (लड्डू, बताशे आदि) अर्पण कर सभी में वितरित करें।
  • अपने उपकरणों और मशीनों पर हल्दी, रोली और फूल चढ़ाएं।

विश्वकर्मा पूजा के लाभ

  • व्यवसाय में उन्नति – जो लोग मशीनरी या तकनीकी क्षेत्र से जुड़े हैं, उन्हें सफलता प्राप्त होती है।
  • काम में कुशलता – भगवान विश्वकर्मा की कृपा से कार्यक्षमता और रचनात्मकता बढ़ती है।
  • श्रम का सम्मान – यह पूजा कर्मशील जीवन और मेहनत के आदर्शों को बढ़ावा देती है।
  • मशीनों की रक्षा – यंत्रों और औजारों की सुरक्षा व लंबी उम्र के लिए यह पूजा अत्यंत लाभकारी है।
  • संतुलन और समर्पण – मन और बुद्धि को संतुलित रख कर्म में पूर्ण समर्पण आता है।