विन्धेश्वरी स्तोत्र का पाठ एक अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली उपाय माना जाता है, जो देवी विन्ध्यवासिनी की पूजा का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह स्तोत्र देवी की आराधना और उनकी कृपा प्राप्ति के लिए एक प्रभावी मंत्र है। देवी विन्ध्यवासिनी, जो विन्ध्य पर्वत पर स्थित हैं, उनके पूजन से जीवन के हर क्षेत्र में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है। विन्धेश्वरी स्तोत्र में देवी के विविध रूपों का वर्णन किया गया है, और यह हमें उनके दिव्य आशीर्वाद से सम्पन्न होने का मार्ग दिखाता है। यदि आप मानसिक शांति, समृद्धि और मानसिक दृढ़ता की चाहत रखते हैं, तो इस स्तोत्र का पाठ आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।
विन्धेश्वरी स्तोत्र
निशुम्भ-शुम्भ-गर्जनीं, प्रचण्ड-मुण्ड-खण्डिनीम्,
वने रणे प्रकाशिनीं भजामि विन्ध्यवासिनीम् !!
त्रिशुल-मुण्ड-धारिणीं धरा-विघात-हारिणीम्,
गृहे-गृहे निवासिनीं भजामि विन्ध्यवासिनीम् !!
दरिद्रदुःख-हारिणीं, सदा विभुतिकारिणीम्,
वियोग-शोक-हारिणीं, भजामि विन्ध्यवासिनीम् !!
लसत्सुलोल-लोचनं लतासनं वरप्रदम्,
कपाल-शुल-धारिणीं, भजामि विन्ध्यवासिनीम् !!
कराब्जदानदाधरां, शिवाशिवां प्रदायिनीम्,
वरा-वराननां शुभां भजामि विन्ध्यवासिनीम् !!
ऋषिन्द्रजामिनीप्रदां, त्रिधा स्वरूप-धारिणीम्,
जले स्थले निवासिनीं, भजामि विन्ध्यवासिनीम् !!
विशिष्ट-शिष्ट-कारिणीं, विशाल रूप-धारिणीम्,
महोदरे विलासिनीं, भजामि विन्ध्यवासिनीम् !!
पुरन्दरादि-सेवितां पुरादिवंशखण्डिताम्,
विशुद्ध-बुद्धिकारिणीं, भजामि विन्ध्यवासिनीम् !!
विन्धेश्वरी स्तोत्र न केवल एक आध्यात्मिक यात्रा है, बल्कि यह जीवन के हर पहलू में सफलता और संतोष की कुंजी भी है। इसे श्रद्धा और विश्वास के साथ नियमित रूप से पढ़ने से देवी की कृपा प्राप्त होती है, और हमारे जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का प्रवाह होता है। हर दिन इस स्तोत्र का पाठ हमारी आत्मा को शांति और संतुलन प्रदान करता है। देवी विन्ध्यवासिनी के आशीर्वाद से हमारा जीवन संवरता है, और हम हर मुश्किल का सामना साहस और विश्वास के साथ कर पाते हैं।
