
दिल्ली में हुए ब्लास्ट के बाद पूरे देश के साथ उत्तर प्रदेश में भी सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। वाराणसी शहर में हाई अलर्ट जारी होने के बाद बुधवार को कचहरी परिसर में व्यापक मॉक ड्रिल की गई। इस अभ्यास के दौरान सुरक्षा के हर पहलू की गहन जांच की गई और सभी जरूरी उपकरणों की उपलब्धता को परखा गया।

मॉक ड्रिल के बाद मीडिया से बात करते हुए एसीपी कैंट नितिन तनेजा ने बताया कि दिल्ली की घटना के बाद पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई। उनका कहना था कि कचहरी जैसे संवेदनशील स्थान पर सुरक्षा में किसी तरह की कमी नहीं रखी जाएगी। मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि सभी सुरक्षा उपकरण और टीमें मौके पर तुरंत कार्रवाई करने की स्थिति में रहें।
इस अभ्यास में डॉग स्क्वायड, बम निरोधक दस्ता और भारी पुलिस बल शामिल रहा। सभी टीमों ने कचहरी परिसर के हर हिस्से को अच्छी तरह जांचा। एसीपी ने बताया कि जांच के दौरान कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है, जिससे लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि यह ड्रिल सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए की गई है।
कचहरी परिसर में सुरक्षा पहले से ही कड़ी है। एसीपी नितिन तनेजा के अनुसार यहां पांच मुख्य द्वार हैं, जहां प्रतिदिन नियमित चेकिंग होती है। पुलिस के जवान लगातार निगरानी में रहते हैं और बिना जांच के किसी को भी अंदर प्रवेश नहीं दिया जाता। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए सुरक्षा उपाय और कड़े किए गए हैं ताकि किसी भी संभावित खतरे को समय रहते रोका जा सके।
इस मॉक ड्रिल ने एक बार फिर साबित किया कि वाराणसी पुलिस किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। शहर में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए ऐसे अभ्यास आगे भी जारी रहेंगे।