विकसित कृषि संकल्प यात्रा के तहत सेवापुरी ब्लॉक के दौलतिया गांव में पहुँचे आईआईवीआर के वैज्ञानिक,किसानों से साझा की कृषि की नई तकनीक

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विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत 6 जिलों में 2000 से अधिक किसानों तक पहुंचे IIVR के वैज्ञानिक-राजेश कुमार निदेशक आईआईवीआर

वाराणसी, 29 मई। प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आवाहन पर कृषि को नई दशा एवं दिशा देने हेतु कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा संकल्पित ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025’ में भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (IIVR) वाराणसी के तहत आज एक व्यापक कृषक जागरूकता कार्यक्रम का शुभारम्भ किया है,जहाँ सेवापुरी ब्लॉक के दौलतिया गांव में किसानों के साथ आईआईवीआर के वैज्ञानिकों ने लगाई चौपाल,साझा की कृषि की नई तकनीक,जिसमे सैकड़ो किसान उपस्थित रहे।
वही आईआईवीआर के निदेशक डॉक्टर राजेश कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश के 6 जिलों के 33 गांवों में 2,063 किसानों ने भाग लिया। संस्थान के 50 से अधिक वैज्ञानिकों ने प्रत्यक्ष संपर्क के माध्यम से किसानों के साथ तकनीकी चर्चा की। जहाँ वाराणसी,चंदौली, मिर्जापुर,सोनभद्र, भदोही और कुशीनगर जिलों में आयोजित इस अभियान में सर्वाधिक 462 किसानों ने कुशीनगर में भाग लिया। वाराणसी जिले मेंय हरहुआ और सेवापुरी ब्लॉक के प्रतापपट्टी, एडिलपुर,करौली और दौलतिया गांवों में 160 किसानों ने कार्यक्रम में सहभागिता की।
कार्यक्रम के दौरान किसानों ने नीलगाय की समस्या,अनियमित वर्षा, जल गुणवत्ता,मृदा स्वास्थ्य,बाजार मूल्य, उच्च भूजल स्तर, शहरीकरण का दबाव और गुणवत्तापूर्ण बीजों की उपलब्धता जैसी प्रमुख समस्याएं साझा कीं। वैज्ञानिकों ने प्राकृतिक खेती,एकीकृत कीट प्रबंधन,नवीन किस्मों,मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन,फसल विविधीकरण,प्रत्यक्ष बीज धान की खेती, ग्रीष्मकालीन जुताई और सरकारी योजनाओं पर विस्तृत जानकारी प्रदान की।
वाराणसी के करौली गांव के कार्यक्रम में उपस्थित IIVR के निदेशक डॉ. राजेश कुमार ने कहा, “यह अभियान किसानों की आय दोगुनी करने और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। आज 2000 से अधिक किसानों के साथ प्रत्यक्ष संवाद स्थापित करना अत्यंत उत्साहजनक है। हमारी जिम्मेदारी केवल अनुसंधान तक सीमित नहीं है,बल्कि वैज्ञानिक तकनीकों को किसानों तक पहुंचाना और उनकी समस्याओं का समाधान करना है। इस अभियान से मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया हमारे लिए बेहद प्रेरणादायक है।” संस्थान द्वारा नियमित फॉलो-अप कार्यक्रमों और प्रदर्शन प्लॉट स्थापना की घोषणा भी की गई है।

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