वाराणसी। ठंड के मौसम की दस्तक के साथ ही काशी में पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी है। देश के अलग-अलग हिस्सों से लोग अपने परिजनों के साथ बाबा विश्वनाथ के दर्शन, गंगा घाटों की सैर और बनारस की सांस्कृतिक विरासत को करीब से देखने पहुंच रहे हैं। शीतकालीन मौसम में काशी का माहौल खास तौर पर आकर्षक हो जाता है, जिसका सीधा असर पर्यटन पर दिखाई देता है।

इस विषय में काशी निवासी अभिषेक शर्मा का कहना है कि काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद से श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ी है। ठंड के मौसम में यह संख्या और भी बढ़ जाती है, जिसे पर्यटन का बूम कहा जा सकता है। मौसम सुहावना होने के साथ-साथ गंगा किनारे आने वाले साइबेरियन पक्षी भी पर्यटकों के लिए खास आकर्षण का केंद्र बनते हैं। बड़ी संख्या में लोग घाटों पर पहुंचकर इन पक्षियों को दाना डालते हैं, उनके साथ समय बिताते हैं और फोटो शूट कराते नजर आते हैं।
अभिषेक शर्मा बताते हैं कि दिसंबर के महीने में 25 दिसंबर यानी बड़े दिन के त्योहार को देखते हुए भी पर्यटकों की भीड़ में इजाफा हो रहा है। काशी विश्वनाथ के साथ-साथ अन्य मंदिरों के प्रचार-प्रसार से श्रद्धालु वहां भी दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। पर्यटक सिर्फ दर्शन तक सीमित नहीं रहते, बल्कि बनारस के घाटों की सुबह-ए-शाम की रौनक, आरती, गलियों की सैर और यहां के मशहूर खान-पान का भी भरपूर आनंद लेते हैं।
कुल मिलाकर ठंड के मौसम में काशी पर्यटकों की पहली पसंद बनकर उभर रही है, जहां आस्था, संस्कृति, प्रकृति और स्वाद का अनोखा संगम हर किसी को अपनी ओर खींच लेता है।
