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उर्वरक की कालाबाजारी रोकने तथा उर्वरक गुणवत्ता बनाये रखने, बिक्री केन्द्र पर उपलब्ध स्टाक एवं पीओएस मशीन में प्रदर्शित स्टाक का सत्यापन हेतु हुई छापेमारी

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पहलवान बीज भण्डार-धरसौना का उर्वरक निबंधन प्रमाण पत्र निलम्बित किया गया

    वाराणसी। शासन के निर्देश के क्रम में कृषकों को उचित मूल्य पर उर्वरक उपलब्ध कराने, कालाबाजारी रोकने तथा उर्वरक गुणवत्ता बनाये रखने, बिक्री केन्द्र पर उपलब्ध स्टाक एवं पी0ओ0एस0 मशीन में प्रदर्शित स्टाक का सत्यापन करने के निमित्त जनपद- व्यापी चेकिंग अभियान के तहत् उर्वरक निरीक्षक एवं अन्य विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाकर जनपद के साधन सहकारी समितियों, पी0सी0एफ0 विक्रय केन्द्रों, इफको सेवा केन्द्र, आई0एफ0एफ0डी0 सी0, औद्यानिक समिति एवं निजी उर्वरक विक्रेताओं के बिक्री केन्द्रों/गोदामों पर शनिवार को छापे की कार्यवाही की गयी। टीम का गठन जिलाधिकारी एस. राजलिंगम के आदेश के क्रम में मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल द्वारा किया गया। 
  टीम-1 में जिला कृषि अधिकारी संगम सिंह, जिला उद्यान अधिकारी सुभाष कुमार, वरिष्ठ प्राविधिक सहायक ग्रुप-1 रोहित कुमार सिंह जिनको तहसील- सदर टीम-2 में जिला कृषि रक्षा अधिकारी बृजेश कुमार विश्वकर्मा एवं जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी आर0पी0 सिंह जिनको तहसील-पिण्डरा टीम-3 में उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी-सदर निरूपमा सिंह, परियोजना अधिकारी- नेडा जिनको तहसील-राजातालाब आवंटित किया गया।  छापे के दौरान नामित उर्वरक निरीक्षकों के द्वारा कुल 35 बिक्री केन्द्रों की जांच करते हुए गुणवत्ता परीक्षण हेतु 11 उर्वरक के नमूने ग्रहीत किये गये। निरीक्षण के समय दुकान बन्द कर पालायित होने पर मेसर्स साधन सहकारी समिति-मोहांव, मेसर्स वन स्टाप शाप एग्रीजंक्शन-दानगंज तथा अभिलेख एवं रेट बोर्ड अद्यतन न होने पर मेसर्स जवाहर लाल खाद भण्डार- बहुतरा, मेसर्स वन स्टाप शाप एग्रीजंक्शन- दर्जीपुर, मेसर्स पारस बीज भण्डार-बडागांव, मेसर्स एग्रीक्लिनिक एण्ड एग्रीबिजनेस सेंटर-बडागांव, मेसर्स एग्रीक्लिनिक एण्ड एग्रीबिजनेस सेंटर-गांगकला भट्ठा को कारण बताओ नोटिस और पी0ओ0एस0 मशीन के अनुसार भौतिक रूप से उपलब्ध स्टाक में भिन्नता पाये जाने पर मेसर्स पहलवान बीज भण्डार-धरसौना का उर्वरक निबंधन प्रमाण पत्र निलम्बित किया गया। मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि साथ ही अवगत कराना है कि अबैध रूप से व्यापार तथा उर्वरकों की कालाबाजारी करने वाले बिक्रेताओं के विरूद्ध यह अभियान निरंतर चलता रहेगा। रबी 2024 में दिसम्बर माह तक 16538 मै0टन फास्फेटिक उर्वरक (डी0ए0पी0/एन0पी0के0/एम0ओ0पी0) के वितरण का लक्ष्य निर्धारित है, जिसके सापेक्ष शनिवार तक 14114 मै0टन का वितरण जनपद के कृषकों के मध्य पी0ओ0एस0 मशीन से सहकारी समितियों एवम् निजी उर्वरक बिक्री केन्द्रों के माध्यम से किया जा चुका है, जो माह दिसम्बर के निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष 85 प्रतिशत है तथा आज दिनांक-07.12.2024 को आई0एफ0एम0एस0 पोर्टल के अनुसार जनपद में 1713 मै0टन डी0ए0पी0, 1508 मै0टन एन0पी0के0, 10083 मै0टन यूरिया उर्वरक निजी बिक्री केन्द्र/सहकारिता केन्द्र/बफर गोदाम/थोक उर्वरक बिक्रेताओं के यहां उपलब्ध है। साथ ही अवगत कराना है कि फास्फेटिक उर्वरक डी0ए0पी0 एवम् एन0पी0के0 की इफको, एच0यू0आर0एल0, एन0एफ0एल0 और आई0पी0एल0 कम्पनी की रैक शीघ्र ही (दिनांक-09 दिसम्बर से लेकर 15 दिसम्बर के बीच में) जनपद में प्राप्त होगी, जिससे निजी एवम् सहकारी क्षेत्र में फास्फेटिक उर्वरक की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहेगी। किसान भाई अपनी फसल/जोत के अनुसार पी0ओ0एस0 मशीन में अंगुठा लगाकर उर्वरक प्राप्त कर सकतें हैं। उन्हें किसी तरह से उर्वरक के लिए परेशान होने की आवश्यकता नही है। साथ ही किसान भाइयों को अवगत कराना है कि फसल के अच्छे उत्पादन हेतु नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश का अनुपात 4ः2ः1 होना चाहिए किन्तु आज की तिथि में डी0ए0पी0 के लगातार प्रयोग करने के कारण यह अनुपात 28ः9ः1 है, जो कि वैज्ञानिक दृष्टि से उपयुक्त नही है। तद्क्रम में किसान भाइयों से अपील है कि डी0ए0पी0 के स्थान पर एन0पी0के0 का प्रयोग करें जिससे आपकी फसल को तीनों पोषक तत्वों की सन्तुलित मात्रा की पूर्ति हो जायेगी। जिसका सकारात्मक प्रभाव फसल की उत्पादन व उपज की गुणवत्ता बृद्धि पर पडे़गा।
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Aditya