
भक्तिरस से भरी यह पंक्ति ठुमक ठुमक है गणपति नाचे गणेश जी की नटखट, बालस्वरूप झांकी का अद्भुत चित्रण करती है। जैसे छोटे-से बप्पा ठुमकते हुए नृत्य कर रहे हों और उनके हर कदम से वातावरण में आनंद, उल्लास और मंगलमयता फैल रही हो। इसे सुनकर मन अपने आप भक्ति और प्रेम में डूब जाता है।
Thumak Thumak Hai Ganpati Nache
डम डम डम डमरू बाजे,
ठुमक ठुमक है गणपति नाचे,
अरे नाचे सांग गण पिशाज़,
कि मेरे घर आएंगे बप्पा आज,
के मेरे घर आएंगे देवा आज……
चतुर्थी का दिन है प्यारा,
सजने लगा संसार सारा,
ढोल नगाड़े बचते कितने साथ,
कि मेरे घर आएंगे देवा आज,
के मेरे घर आएंगे गणपति आज…….
मोदक मेवा से लगता है,
बप्पा का भंडारा,
प्रथम पूजे जिसको सारा संसार,
कि मेरे घर आएंगे बप्पा आज,
के मेरे घर आएंगे देवा आज……
जब भी ठुमक ठुमक है गणपति नाचे गूंजता है, ऐसा लगता है मानो गणेश जी स्वयं आकर आंगन में नृत्य कर रहे हों। उनकी ठुमक-ठुमक चाल भक्त के हृदय की उदासी मिटाकर आनंद से भर देती है। यही कारण है कि इस भक्ति-संगीत के संग जुड़कर हर कोई गणपति बाप्पा का आशीर्वाद अनुभव करता है।

