काशी के लक्खा मेले में आयोजित तीन दिवसीय रथयात्रा मेला रविवार अलसुबह से ही भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी। भोर में ही भगवान जगन्नाथ, भैया बलभद्र और बहन सुभद्रा के काष्ठ विग्रह को अष्टकोणीय रथ पर विराजमान कराया गया। विग्रहों को पीताम्बर वस्त्र धारण कराकर, स्वर्ण मुकुट और आभूषण पहनाए गए तथा बेला, गुलाब, चंपा, चमेली और तुलसी की मालाओं से श्रृंगार किया गया।
तीन दिन तक बाबा विश्वनाथ की नगरी भगवान जगन्नाथ की आराधना में लीन रहेगी। मेला क्षेत्र में रौनक और श्रद्धा का माहौल था, जहां जय जगन्नाथ और हर-हर महादेव के गगनभेदी उद्घोष से वातावरण गुंजायमान हो उठा। श्रद्धालु भगवान का रथ छूकर निहाल हो रहे थे और पूरे श्रद्धाभाव से प्रभु को फल, पुष्प और तुलसी की माला अर्पित कर रहे थे। इस आयोजन में शामिल होकर श्रद्धालुओं ने अपनी आस्था और भक्ति का परिचय दिया, जिससे काशी की पवित्र भूमि और भी पावन हो उठी।
मेले में भक्तों की उपस्थिति और उनके उत्साह ने इस धार्मिक आयोजन को और भी खास बना दिया। इस प्रकार, तीन दिनों तक काशी की नगरी भगवान जगन्नाथ की आराधना में डूबी रहेगी।