रामायण के प्रत्येक काण्ड में दिव्यता और गहन शिक्षाएँ छिपी हैं, परंतु रामायण के 7 काण्ड में कोई नही है ऐसा सुन्दरकाण्ड के जैसा कहने का तात्पर्य यह है कि सुन्दरकाण्ड में भक्ति, वीरता और प्रभु नाम की महिमा का अद्भुत संगम है। यह काण्ड हनुमानजी की अपार शक्ति, निष्ठा और सेवा भाव का सजीव प्रमाण है।
Ramayan Ke Saat Kand Main Koi Nahi Hai Aisa Sunderkand Ke Jaisa
रामायण के सात काण्ड में
कोई नही है ऐसा
सुन्दरकाण्ड के जैसा..
घर घर में गाया जाता है
कौनसा ग्रंथ है ऐसा
सुन्दरकाण्ड के जैसा..
इतना सरल है हर कोई पड़ले,
शास्त्र नहीं कोई ऐसा
सुन्दरकाण्ड के जैसा..
1.. सुन्दरकाण्ड में बालाजी की
लीला बड़ी है भारी
पग-पग पर श्री राम की जिसने
विपदा हरली सारी
लांघ समंदर.. लंका जलाना..
शौर्य नही कहीं ऐसा
सुन्दरकाण्ड के जैसा..
2.. वार तिथि मुहूर्त मत देखो
जब भी समय हो गालो
रामायण का सार है इसमें
माथे इसे लगा लो
इतना सरल है.. हर कोई पढ़ले..
शास्त्र नही कोई ऐसा
सुन्दरकाण्ड के जैसा..
3.. सुन्दरकाण्ड में बालाजी की
तेज भरी चौपाईयां
नियमित पढ़ने से भगतों
मिटती गम की परछाईयां
अम्बरीष बोले.. कर नही सकता..
चमत्कार कोई ऐसा
सुन्दरकाण्ड के जैसा..
भक्त जब रामायण के 7 काण्ड में कोई नही है ऐसा सुन्दरकाण्ड के जैसा गुनगुनाते हैं तो उनके हृदय में यह सत्य प्रकट होता है कि सुन्दरकाण्ड केवल कथा नहीं बल्कि जीवन का मार्गदर्शन है। इसमें हनुमानजी की अटूट भक्ति और राम नाम की महिमा का गूढ़ संदेश मिलता है। यही कारण है कि सुन्दरकाण्ड का पाठ आज भी हर भक्त को शांति और आत्मविश्वास प्रदान करता है।