ब्रह्मांड शक्ति प्रदात्री माता मणिकर्णिका मंदिर प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान सम्पन्न

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वाराणसी।महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित काशीखण्डोक्त में वर्णित ब्रह्मांड शक्ति प्रदात्री माता मणिकर्णिका मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा महाविष्णु एवं आदि गुरू शंकराचार्य की परिकल्पना के अनुसार विशेष सिद्धयोग नक्षत्र में सम्पन्न हुआ।महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित काशीखण्डोक्त में वर्णित माता मणिकर्णिका के स्वरूप के अनुसार बनी ब्रह्मांड शक्ति प्रदात्री माता मणिकर्णिका की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा सिन्धिया घाट आत्माविरेश्वर मंदिर के बगल में मणिकर्णिका महातीर्थ क्षेत्र में भव्य एवं दिव्य पूजन के साथ सम्पन्न हुआ । महाविष्णु एवं आदि गुरू शंकराचार्य की परिकल्पना के अनुसार विगत चैत्र नवरात्रि की अष्टमी को नारद घाट दत्तात्रेय मठ काशी में ब्रह्मलीन हुये तपस्वी दण्डी संयासी श्री कृष्णनन्देन्द्र सरस्वती “नरायण स्वामी” ने उक्त मंदिर बनवाकर एवं प्राणप्रतिष्ठा मुहुर्त सहित अनुष्ठान के लिए विद्वान वैदिक ब्राह्मण जनो सहित समस्त तैयारी करके एवं उक्त मंदिर की समस्त जिम्मेदारी जिम्मेदार जनो को सौंपकर ये स्पष्ट बता दिये थे कि हम चैत्र नवरात्र की अष्टमी को ब्रह्मलीन हो जायेगे अब आपलोगो को मंदिर का संकल्प पूरा करना है। स्वामी जी के संकल्पानुसार चतुर्थ वेद के ज्ञात उच्च ब्राह्मणों द्वारा विधिवत पूजन कर प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान सम्पन्न हुआ धरती पर पहला दिव्य एवं भव्य मंदिर की स्थापना में हजारो भक्त श्रद्धा भाव से शामिल हुए देश के कोने कोने से आये विद्वान ब्राह्मण जनो के उच्चकोटि के मंत्रोच्चारण एवं दिव्य अनुष्ठान में शामिल होकर भक्त भावविभोर हो गये, छप्पनो भोग का दिव्य प्रसाद से माता को भोग लगाया गया। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य आचार्य ब्रह्मचारी सम्पूर्णानंद दिव्य चेतन “जटागुरू” महराज के मार्गदर्शन में चतुर्थ वेद पाठी विद्वान ब्राह्मण जनों ने शास्त्रोक्त एवं पुराणोक्त विधि से तीनदिवसीय अनुष्ठान कर प्राण प्रतिष्ठा आयोजन सम्पन्न किया। तत्तपश्चात ब्रह्मचारी सम्पूर्णानंद दिव्य चेतन “जटागुरू” महराज ने कहा कि महर्षि वेदव्यास द्वारा माता मणिकर्ण के स्वरूप का काशीखण्डोक्त में वर्णन के अनुसार मणिकर्णिका मंदिर काशी क्षेत्र ही नही बल्कि सम्पूर्ण जगत में माता मणिकर्णिका की ऐसी दिव्य मूर्ति एवं मंदिर कही नही है, इस मंदिर से काशी ही नही अपितु सम्पूर्ण जगत का कल्याण होगा क्योकि पुराणो के अनुसार सभी तीर्थो और देवताओ को माँ मणिकर्णिका से ही भरपूर शक्ति मिलती है, महादेव काशी में सायुज्य मोक्ष माता मणिकर्णिका मध्यान्ह स्नान से मिली शक्ति से देते हैं, माता भक्तजनो की सम्पूर्ण मनोकामना पूर्ण करेगी ।
अनुष्ठान की अध्यक्षता सुब्रमण्यम एवं संचालन नीरज सिंह ने किया तथा मुख्य यजमान पण्डित अनुराग सपत्नी रहे, अनुष्ठान एवं प्राणप्रतिष्ठा कार्यक्रम में प्रमुख रूप से विनय शंकर राय “मुन्ना”, किशन रस्तोगी, राजू गुरू, विश्वनाथ ब्रह्मचारी, अनुराग जी, कल्याण सुन्दरम, कलावती देवी ,भाष्कर जी, दिलीप मिश्रा, डब्लू जायसवाल, पप्पू शुक्ला, प्रवीन उपाध्याय, विक्की, शेखर, लाले, आशीष, ऋषि राय सहित इत्यादि भक्त एवं विद्वान ब्राह्मण शामिल रहे।

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