
वाराणसी में एक दरोगा, सूर्य प्रकाश पांडेय, को डकैती के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। पांडेय और उसके साथियों ने मिलकर एक फर्जी क्राइम टीम बनाई थी, जिसके माध्यम से वे व्यापारियों को लूटते थे। यह मामला तब सामने आया जब बिहार के औरंगाबाद के व्यापारी जयपाल ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। जयपाल के कर्मचारी 42.5 लाख रुपये लेकर कोलकाता जा रहे थे, तभी दरोगा पांडेय और उसकी टीम ने उन्हें रोककर पैसे लूट लिए।
शिकायत मिलने पर पुलिस ने जांच शुरू की, जिसमें दरोगा सूर्य प्रकाश पांडेय की संलिप्तता का खुलासा हुआ। पांडेय, जो प्रयागराज का निवासी है, वाराणसी के विभिन्न थाना क्षेत्रों में काम कर चुका था और स्थानीय व्यापारियों से लूटपाट करता था। उसने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर एक संगठित अपराध गिरोह बनाया था, जो व्यापारियों को निशाना बनाता था।
पांडेय का जीवनशैली भी काफी आलीशान था। वह अक्सर आलीशान होटलों में ठहरता और ऐशो-आराम की जिंदगी जीता था। पुलिस की जांच में यह भी पता चला कि वह अन्य अपराधों में भी शामिल रहा है। पुलिस ने पांडेय को उसके दो साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्य सहयोगियों की तलाश जारी है।
पांडेय की गिरफ्तारी के बाद स्थानीय व्यापारियों ने राहत की सांस ली है, जो उसकी धमकियों और लूटपाट से परेशान थे। यह घटना पुलिस विभाग के लिए भी एक बड़ा सबक है, जो अपने ही कर्मियों की गलतियों और अपराधों से निपटने के लिए सतर्कता बरतने की जरूरत को नजरअंदाज किया।