वैष्णो देवी माता की आराधना भारत के कोने-कोने में श्रद्धा और भक्ति से की जाती है। माँ वैष्णो देवी को शक्ति स्वरूपा, जगत जननी और भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करने वाली देवी माना जाता है। उनकी आरती का पाठ भक्तों के मन को शांति और आत्मा को शक्ति प्रदान करता है। इस लेख में हम “Vaishno Mata Aarti” की महिमा, उसकी विधि, लाभ और आरती के बोलों को विस्तार से साझा कर रहे हैं।
Vaishno Mata Aarti
जय वैष्णवी माता, मैया जय वैष्णवी माता,
हाथ जोड़ तेरे आगे, आरती मैं गाता॥
॥ जय वैष्णवी माता ॥
शीश पे छत्र विराजे, मूरतिया प्यारी,
गंगा बहती चरनन, ज्योति जगे न्यारी॥
॥ जय वैष्णवी माता ॥
ब्रह्मा वेद पढ़े नित द्वारे, शंकर ध्यान धरे,
सेवक चंवर डुलावत, नारद नृत्य करे॥
॥ जय वैष्णवी माता ॥
सुन्दर गुफा तुम्हारी, मन को अति भावे,
बार-बार देखन को, ऐ माँ मन चावे॥
॥ जय वैष्णवी माता ॥
भवन पे झण्डे झूलें, घंटा ध्वनि बाजे,
ऊँचा पर्वत तेरा, माता प्रिय लागे॥
॥ जय वैष्णवी माता ॥
पान सुपारी ध्वजा नारियल, भेंट पुष्प मेवा,
दास खड़े चरणों में, दर्शन दो देवा॥
॥ जय वैष्णवी माता ॥
जो जन निश्चय करके, द्वार तेरे आवे,
उसकी इच्छा पूरण, माता हो जावे॥
॥ जय वैष्णवी माता ॥
इतनी स्तुति निश-दिन, जो नर भी गावे,
कहते सेवक ध्यानू, सुख सम्पत्ति पावे॥
॥ जय वैष्णवी माता ॥
वैष्णो माता की आरती न केवल भक्ति का प्रतीक है बल्कि आत्मा को परम शक्ति से जोड़ने का माध्यम भी है। इस आरती का नियमित पाठ करने से माँ की कृपा सदैव बनी रहती है। यदि आप माँ वैष्णो देवी की सच्चे मन से आराधना करते हैं, तो उनका आशीर्वाद निश्चित ही आपके जीवन को सफल और आनंदमय बनाएगा। जय माता दी!
वैष्णो माता आरती की विधि
- प्रातः या संध्या समय माँ की प्रतिमा या चित्र के सामने साफ-सुथरे स्थान पर बैठें।
- स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें और माँ वैष्णो देवी का ध्यान करें।
- दीपक में घी डालकर जलाएं और अगरबत्ती करें।
- माँ को लाल फूल, चुनरी और प्रसाद (मुख्यतः नारियल व फल) अर्पित करें।
- घंटी बजाकर श्रद्धा से आरती का पाठ करें।
- आरती के पश्चात सभी को प्रसाद वितरित करें।
वैष्णो माता आरती के लाभ
- मनोकामना पूर्ति – जो भक्त सच्चे मन से आरती करते हैं, उनकी इच्छाएँ पूरी होती हैं।
- नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा – माँ की आरती से वातावरण शुद्ध होता है और नकारात्मक शक्तियाँ दूर रहती हैं।
- शांति और संतुलन – मानसिक शांति और जीवन में संतुलन आता है।
- आध्यात्मिक उन्नति – आरती के माध्यम से व्यक्ति आध्यात्मिक मार्ग की ओर अग्रसर होता है।
- परिवारिक सुख-शांति – परिवार में प्रेम, एकता और समृद्धि बनी रहती है।