वाराणसी। ज्ञानवापी स्थित वुजूखाने में मई 2022 में एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान मिले शिवलिंग को आदि विश्वेश्वर बताते हुए पूजा अर्चना, राग-भोग समेत अन्य धार्मिक कार्य करने की इजाजत देने की मांग की गई थी। इस मामले में शैलेंद्र योगीराज की ओर से दाखिल वाद की सुनवाई सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) प्रशांत सिंह की अदालत में हुई। जिसमें अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने अपना पक्ष रखने के लिए कोर्ट से समय मांगा गया। इस मामले की अगली सुनवाई 16 जनवरी को होगी। बीते दो अगस्त को शैलेंद्र योगीराज की ओर से उनके वकील डा। एसके द्विवेदी व भूपेंद्र सिंह ने वाद दाखिल किया था।
सिविल जज सीनियर डिवीजन अश्वनी कुमार की अदालत में ज्ञानवापी प्रकरण के एक अन्य मामले की सुनवाई प्रतिवादी के अनुपस्थित होने के कारण टल गई। अगली सुनवाई 25 जनवरी को होगी। प्रकरण के अनुसार नंदी जी महाराज विराजमान की ओर से लखनऊ के जन उद्घोष सेवा संस्था के सदस्य कानपुर की आकांक्षा तिवारी, लखनऊ के दीपक प्रकाश शुक्ला एवं अन्य ने अपने वकील राजेंद्र मोहन तिवारी, सुभाष चंद्र शर्मा के माध्यम से कोर्ट में वाद दाखिल किया है।
इसमें मांग की गई है कि आक्रांताओं द्वारा मंदिर के स्वरूप को तोड़कर मस्जिद का गुंबद बनाया गया है। उसे हटाया जाए और विश्वनाथ मंदिर को सौंपते हुए मंदिर का रूप दिया जाए।