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गंगा के बढ़ते जलस्तर से काशी में संकट, मंदिर और घाट जलमग्न

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वाराणसी, देश की सांस्कृतिक राजधानी काशी में गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। हर घंटे तीन सेंटीमीटर की दर से जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है, जिससे मंदिर और घाट जलमग्न हो रहे हैं। 84 घाटों का संपर्क मार्ग लगभग टूट गया है, और कई घाट किनारे के मंदिर डूब चुके हैं। पिछले एक हफ्ते से बारिश नहीं हुई है, जिससे गर्मी और उमस का कहर जारी है।

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केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, मंगलवार सुबह 8 बजे गंगा का जलस्तर 63.74 मीटर पर पहुंच गया। सोमवार की तुलना में जलस्तर की बढ़ोतरी की दर आधी हो गई है। सोमवार को यह 6 सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से बढ़ रही थी, जो अब 3 सेंटीमीटर प्रति घंटा हो गई है। पुरोहित विकास ने बताया कि पिछले 36 घंटे में गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ा है, जिससे घाटों की पूरी व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो गई है।

गंगा का जलस्तर बढ़ने से घाटों पर पूजा-पाठ करने वाले पुरोहितों की चौकियां डूब गई हैं। दशाश्वमेध घाट पर कई पुरोहितों की चौकियां आधे पानी में डूबी नजर आईं, और अन्य घाटों पर पुरोहित अपनी चौकियां हटाते दिखे। पुरोहितों के अलावा नाविकों के भी माथे पर चिंता की लकीरें हैं। छोटे नावों का संचालन पहले ही बंद कर दिया गया था और यदि गंगा का जलस्तर इसी गति से बढ़ता रहा तो अगले 24 से 48 घंटे में बड़े नावों का संचालन भी रोक दिया जा सकता है।

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Aditya