भगवान गणेश, जिन्हें विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता कहा जाता है, उनकी स्तुति करना जीवन में सफलता और सुख-शांति पाने का अचूक साधन है। “Sukh Karta Dukh Harta” गणेश जी की एक प्रसिद्ध आरती है, जिसे गाकर भक्त अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं। इस लेख में हम “Sukh Karta Dukh Harta Aarti Lyrics” के साथ इसकी विधि और लाभ को भी सहज भाषा में समझाएंगे ताकि आप पूरी श्रद्धा और विधिपूर्वक भगवान गणपति का पूजन कर सकें।
सुख कर्ता दुख हर्ता आरती लिरिक्स
सुख करता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची,
नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची।
सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची,
कंठी झलके माल मुकताफळांची।।
जय देव जय देव,
जय मंगल मूर्ति, दर्शन मात्रे मन कामना पूर्ति
जय देव जय देव…
रत्नखचित फरा तुझ गौरीकुमरा,
चंदनाची उटी कुमकुम केशरा।
हीरे जडित मुकुट शोभतो बरा,
रुन्झुनती नूपुरे चरनी घागरिया।।
जय देव जय देव,
जय मंगल मूर्ति, दर्शनमात्रे मन कामना पूर्ति
जय देव जय देव…
लम्बोदर पीताम्बर फनिवर वंदना,
सरल सोंड वक्रतुंडा त्रिनयना।
दास रामाचा वाट पाहे सदना,
संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवर वंदना।।
जय देव जय देव,
जय मंगल मूर्ति, दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति
जय देव जय देव…
शेंदुर लाल चढायो अच्छा गजमुख को,
दोन्दिल लाल बिराजे सूत गौरिहर को।
हाथ लिए गुड लड्डू साई सुरवर को,
महिमा कहे ना जाय लागत हूँ पद को।।
जय जय जय जय जय,
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता।
जय देव जय देव…
अष्ट सिधि दासी संकट को बैरी,
विघन विनाशन मंगल मूरत अधिकारी।
कोटि सूरज प्रकाश ऐसे छबी तेरी,
गंडस्थल मद्मस्तक झूल शशि बहरी।।
जय जय जय जय जय
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता।
जय देव जय देव…
भावभगत से कोई शरणागत आवे,
संतति संपत्ति सबही भरपूर पावे।
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे,
गोसावीनंदन निशिदिन गुण गावे।।
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता।
जय देव जय देव…
“Sukh Karta Dukh Harta” आरती भगवान गणेश की उपासना का अत्यंत सरल और प्रभावी माध्यम है। यदि इसे श्रद्धा और विधिपूर्वक गाया जाए तो गणपति बप्पा की कृपा से जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और सफलता का वास होता है। इसलिए प्रतिदिन या विशेषकर गणेश चतुर्थी पर इस आरती का पाठ अवश्य करें और विघ्नहर्ता के आशीर्वाद से अपना जीवन मंगलमय बनाएं। गणपति बप्पा मोरया!
विधि
- प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें
- गणेश जी की प्रतिमा या चित्र के सामने आसन लगाएं
- दीपक और अगरबत्ती जलाएं
- गणपति बप्पा को दुर्वा, मोदक और लाल पुष्प अर्पित करें
- “Sukh Karta Dukh Harta” आरती का संपूर्ण पाठ करें
- आरती करते समय घंटी बजाएं और मन से प्रार्थना करें
- आरती के बाद प्रसाद सभी को वितरित करें
लाभ
- सभी विघ्न-बाधाओं का नाश होता है – जीवन में आने वाली कठिनाइयाँ दूर होती हैं।
- मनोकामनाओं की पूर्ति होती है – जो भी कार्य आरंभ किया जाता है, उसमें सफलता मिलती है।
- घर में सुख-शांति बनी रहती है – पारिवारिक जीवन में सामंजस्य और आनंद बना रहता है।
- धन-संपत्ति में वृद्धि होती है – व्यापार और नौकरी में उन्नति के योग बनते हैं।
- आत्मिक बल और मानसिक शांति मिलती है – नकारात्मक विचार दूर होकर मन मजबूत बनता है।