
भारत और पाकिस्तान के बीच 86 घंटे तक चला युद्ध शनिवार शाम 5 बजे सीजफायर की घोषणा के साथ खत्म हो गया। दोनों देशों के बीच संघर्षविराम पर सहमति बनी, लेकिन यह शांति सिर्फ कुछ घंटों तक ही टिक सकी। सीजफायर के महज तीन घंटे बाद ही पाकिस्तान ने इसका उल्लंघन करते हुए जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में भारी गोलाबारी की। इसके साथ ही बारामुला में एक संदिग्ध ड्रोन से धमाका भी हुआ, जिसने हालात को और गंभीर बना दिया।
सीमा पर उकसावेभरी गतिविधियां तेज़
पाकिस्तान ने अखनूर, राजौरी और आरएसपुरा सेक्टरों में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तोपों से भारी गोलाबारी की। पलनवाला सेक्टर में भी संघर्षविराम का उल्लंघन किया गया। इन हमलों से सीमावर्ती इलाकों में दहशत फैल गई। रात के समय हुए इन हमलों के चलते जम्मू के बड़े हिस्से में ब्लैकआउट कर दिया गया, ताकि सैन्य गतिविधियों को छिपाया जा सके और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। बारामूला और श्रीनगर के कई इलाकों में भी बिजली कटौती की गई है।
ड्रोन अटैक ने बढ़ाई चिंता
सबसे चिंताजनक घटना बारामुला में हुई, जहां एक संदिग्ध ड्रोन से धमाका हुआ। यह पहला मौका नहीं है जब सीमा पार से ड्रोन के ज़रिए हमला किया गया हो। ड्रोन की इस तरह की गतिविधियाँ देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक नई चुनौती बनकर उभर रही हैं। बताया जा रहा है कि धमाके में किसी के हताहत होने की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर जांच शुरू कर दी है।
सरकार और सेना की तत्परता
पाकिस्तान की इस हरकत के बाद भारतीय सेना को तुरंत मुंहतोड़ जवाब देने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार ने बीएसएफ और अन्य सुरक्षा बलों को पूरी सख्ती के साथ जवाबी कार्रवाई करने का आदेश दिया है। सीमावर्ती गांवों में अतिरिक्त बल तैनात कर दिए गए हैं, और नागरिकों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है। भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी पोस्टों को निशाना बनाकर भारी नुकसान पहुँचाया है।
राजस्थान और पंजाब में भी सक्रियता
सीमा पार से खतरा केवल जम्मू-कश्मीर तक सीमित नहीं है। राजस्थान के पोकरण क्षेत्र में भी बड़ी संख्या में ड्रोन देखे गए हैं। भारतीय डिफेंस सिस्टम ने इन ड्रोनों को समय रहते नष्ट कर दिया। यह साफ संकेत है कि पाकिस्तान कई मोर्चों पर भारत को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है। इसी तरह, पंजाब के अमृतसर और फिरोजपुर में भी एहतियातन ब्लैकआउट किया गया है।
स्थानीय निवासियों में भय और सतर्कता
इन घटनाओं के बाद सीमावर्ती इलाकों में रह रहे लोग दहशत में हैं। कई इलाकों से लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने लगे हैं। स्कूलों को बंद कर दिया गया है और आपातकालीन सेवाएं पूरी तरह सतर्क हैं। सरकार ने स्थानीय प्रशासन को हर आवश्यक सहायता देने के निर्देश दिए हैं।
निष्कर्ष
भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम की यह असफलता दर्शाती है कि पाकिस्तान की नीयत पर भरोसा करना अब भी मुश्किल है। बार-बार हो रहे संघर्षविराम उल्लंघनों से यह साफ है कि पाकिस्तान बातचीत और शांति की पहल को कमजोर करने की रणनीति पर काम कर रहा है। भारत की ओर से सख्त रुख अपनाया जाना और सुरक्षाबलों की तत्परता ही ऐसे हालात में देश की रक्षा सुनिश्चित कर सकती है।

