संभल: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में बिजली चोरी एक गंभीर समस्या बन गई है, जिसे रोकने के लिए बिजली विभाग और जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। कई इलाकों में अवैध रूप से बिजली का इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें अब अवैध कनेक्शनों और बिजली चोरी में संलिप्त परिसरों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है।
बिजली चोरी: संभल की स्थायी समस्या
संभल जिले में बिजली चोरी लंबे समय से एक गंभीर मुद्दा रही है। ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों में बड़ी संख्या में लोग अवैध रूप से बिजली का उपयोग करते पाए गए हैं। बिजली विभाग के अनुसार, जिले में बिजली चोरी के चलते सालाना करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है।
बिजली विभाग के एक अधिकारी ने बताया, “हम लगातार अभियान चला रहे हैं, लेकिन बिजली चोरी के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे। कुछ क्षेत्रों में यह समस्या इतनी बढ़ गई है कि विभाग को कठोर कदम उठाने पड़े।”
अभियान और बुलडोजर का उपयोग
बिजली विभाग और प्रशासन ने मिलकर एक विशेष अभियान शुरू किया है, जिसके तहत अवैध कनेक्शनों की पहचान की जा रही है। इन कनेक्शनों को हटाने के साथ-साथ उन परिसरों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है, जहां से बड़े पैमाने पर बिजली चोरी हो रही थी।
कार्यवाही के मुख्य बिंदु:
- अवैध कनेक्शनों को काटा गया।
- बिजली चोरी में शामिल मकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर बुलडोजर चलाया गया।
- दोषियों पर जुर्माना लगाया गया और कई मामलों में एफआईआर दर्ज की गई।
मामले की एक झलक
पिछले हफ्ते संभल के एक गांव में बिजली विभाग की टीम ने छापेमारी की। टीम ने पाया कि लगभग 40% घरों में अवैध रूप से बिजली कनेक्शन जोड़े गए थे। कार्रवाई के दौरान कई मकानों को गिरा दिया गया। इस घटना से इलाके में हड़कंप मच गया।
एक स्थानीय निवासी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “हम बिजली के भारी बिलों का सामना नहीं कर सकते, इसलिए हमें मजबूरी में यह कदम उठाना पड़ता है। लेकिन अब प्रशासन बहुत सख्त हो गया है।”
बिजली विभाग की चिंताएं
बिजली विभाग का कहना है कि बिजली चोरी न केवल आर्थिक नुकसान पहुंचाती है, बल्कि ईमानदारी से बिल चुकाने वाले उपभोक्ताओं पर भी अतिरिक्त बोझ डालती है।
बिजली विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “बिजली चोरी से न केवल वित्तीय नुकसान होता है, बल्कि पूरे जिले में बिजली की आपूर्ति भी प्रभावित होती है। हमारे पास अब इसे रोकने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।”
स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया
हालांकि, कई स्थानीय लोग इस सख्त कार्रवाई से नाखुश हैं। उनका कहना है कि बिजली की दरें बहुत अधिक हैं और नियमित आपूर्ति की कमी के कारण लोग मजबूरी में चोरी का सहारा लेते हैं।
एक दुकानदार, जिसका कनेक्शन काटा गया, ने कहा, “बिजली विभाग हमें नियमित और सस्ती बिजली नहीं देता। अगर हमें बिजली चोरी से रोकना है, तो पहले उनके सिस्टम को सुधारने की जरूरत है।”
प्रशासन का पक्ष
जिला अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि बिजली चोरी रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा, “हमारी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि ईमानदार उपभोक्ताओं को परेशानी न हो। जो लोग बिजली चोरी में शामिल हैं, उन्हें कड़ी सजा मिलेगी।”
आगे की योजनाएं:
बिजली चोरी रोकने के लिए ड्रोन और अन्य तकनीकी उपकरणों का उपयोग।
बिजली चोरी में शामिल पाए जाने वालों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई।
जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को बिजली चोरी के दुष्प्रभावों के बारे में शिक्षित करना।
आंकड़ों में बिजली चोरी का असर
उत्तर प्रदेश में बिजली चोरी के कारण हर साल करोड़ों रुपये का नुकसान होता है। संभल जिले में यह समस्या विशेष रूप से गंभीर है।
महत्वपूर्ण आंकड़े:
संभल जिले में बिजली चोरी के मामलों में पिछले एक साल में 30% की वृद्धि हुई है।
विभाग द्वारा दर्ज किए गए कुल मामलों में से 60% ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं।
जिले में 2023-24 में बिजली चोरी से करीब 25 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।