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बेगूसराय में डॉक्टर और कंपाउंडर की संदिग्ध मौत से हड़कंप

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बेगूसराय में एक चौंकाने वाली घटना में डॉक्टर और उनके कंपाउंडर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। इस घटना ने इलाके में हड़कंप मचा दिया है। आशंका है कि दोनों की मौत शराब पीने के कारण हुई है।

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डॉक्टर और कंपाउंडर की पहचान

मृतकों की पहचान चेरिया बरियारपुर थाना क्षेत्र के मैदा शाहपुर निवासी डॉक्टर सी.सी. सिंह और उनके कंपाउंडर हरे राम तांती के रूप में हुई है। डॉक्टर और कंपाउंडर दोनों स्वास्थ्य सेवा से जुड़े हुए थे, लेकिन उनकी अचानक मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

एक की आंखों की रोशनी हुई थी खत्म

मामले में बेगूसराय के सिविल सर्जन डॉ. प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि कुछ समय पहले हरे राम तांती को उनके क्लीनिक में इलाज के लिए लाया गया था। उस दौरान उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी। इसके बावजूद उनकी मौत की असली वजह का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही चलेगा।

पोस्टमार्टम और जांच की स्थिति

ग्रामीणों के अनुसार, डॉक्टर सी.सी. सिंह का पोस्टमार्टम नहीं कराया गया। वहीं, स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में कंपाउंडर हरे राम तांती का पोस्टमार्टम कराया गया है। एसपी मनीष कुमार ने जानकारी दी कि पुलिस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है।

शराब सेवन की आशंका

परिजनों ने बताया कि हरे राम तांती शराब का सेवन करते थे। इसलिए संदेह जताया जा रहा है कि जहरीली शराब पीने से उनकी मौत हुई होगी। बिहार में शराबबंदी के बावजूद इस तरह की घटनाएं पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े करती हैं।

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जहरीली शराब का खतरा


स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि बेगूसराय में शराब माफिया सक्रिय हैं और जहरीली शराब का धंधा खुलेआम चल रहा है। पुलिस की निष्क्रियता के कारण ऐसी घटनाएं बार-बार सामने आ रही हैं।

पुलिस की जांच और अगली कार्रवाई

एसपी मनीष कुमार ने बताया कि पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है। मृतकों के परिजनों से पूछताछ की जा रही है और सभी तथ्यों को खंगाला जा रहा है। जल्द ही मामले की असली वजह सामने आने की उम्मीद है।

सवालों के घेरे में प्रशासन

घटना के बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि बिहार में शराबबंदी कानून के बावजूद जहरीली शराब का कारोबार रुक नहीं रहा है।

निष्कर्ष

डॉक्टर और कंपाउंडर की संदिग्ध मौत न केवल एक व्यक्तिगत घटना है, बल्कि यह समाज और प्रशासन के लिए भी एक बड़ी चुनौती है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और पुलिस की जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि इस त्रासदी के पीछे की असली वजह क्या है।

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