


चंदौली जिले के कंदवा क्षेत्र में स्थित राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल कम्हरिया का नया भवन, जिसे एक वर्ष पहले 30 लाख रुपए की लागत से बनाया गया था, अभी तक हैंडओवर नहीं हो सका है। इस स्थिति के कारण गांव के ग्रामीणों को इलाज की सुविधा नहीं मिल पा रही है। नवनिर्मित अस्पताल का संचालन न होने से न केवल मरीजों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि भवन की देखरेख के अभाव में परिसर में गंदगी और खरपतवार उगने लगे हैं।

अस्पताल का निर्माण और उसकी स्थिति
कम्हरिया गांव में बने इस आयुर्वेदिक अस्पताल का भवन पिछले वर्ष पूरी तरह से तैयार हो गया था, लेकिन अभी तक यह भवन संबंधित विभाग को हैंडओवर नहीं किया गया। इसकी वजह से स्थानीय निवासियों को उचित चिकित्सा सेवाएं नहीं मिल रही हैं। अस्पताल के परिसर में गंदगी का अंबार और उग आए खरपतवार इसकी बदहाल स्थिति को दर्शाते हैं।
गुणवत्ता पर उठे सवाल
नवनिर्मित भवन की दीवारों में दरारें भी पड़ने लगी हैं, जिससे निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं। क्षेत्र के कई निवासी, जैसे अंजनी सिंह, कामेश्वर राय, डॉ. संजय सिंह, डॉ. जय कुमार सिंह, रविकांत पांडेय, बंटू सिंह और बिट्टू सिंह, ने इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की है और अस्पताल के संचालन को शीघ्र प्रारंभ करने की मांग की है।
स्थानीय निवासियों की मांग
ग्रामीणों का कहना है कि अस्पताल का निर्माण उनके स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था, लेकिन अब जब यह तैयार है, तो इसे तुरंत शुरू किया जाना चाहिए। लोगों ने स्थानीय प्रशासन से निवेदन किया है कि वे इस मामले को गंभीरता से लें और अस्पताल का संचालन शीघ्रता से शुरू करें।
इस प्रकार, एक साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी अगर कम्हरिया के आयुर्वेदिक अस्पताल का संचालन शुरू नहीं हो पाता, तो यह न केवल सरकारी कार्यों की सुस्ती का प्रतीक बनेगा, बल्कि स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर डाल सकता है। आशा है कि जल्द ही इस मामले में कार्रवाई की जाएगी, ताकि ग्रामीणों को उचित स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।