वाराणसी के रोहनिया स्थित आर एस शिव मूर्ति पब्लिक स्कूल में 14 नवंबर को बाल दिवस के उपलक्ष्य में एक विशेष मेडिकल कैंप का आयोजन किया गया। इस कैंप का उद्देश्य बच्चों के स्वास्थ्य की जांच और उन्हें स्वास्थ्य संबंधी परामर्श प्रदान करना था। इस आयोजन में प्रमुख योगदान वाराणसी के सानवी मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टरों, स्कूल के प्रिंसिपल और डायरेक्टर का रहा।
मुख्य अतिथियों का स्वागत और सम्मान
कैंप के मुख्य अतिथि सानवी मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टर एस के तिवारी और डॉक्टर शर्मिला तिवारी रहे। स्कूल के प्रिंसिपल राकेश तिवारी और कोऑर्डिनेटर द्वारा इन दोनों डॉक्टरों का स्वागत बुके देकर किया गया। इसके बाद, सानवी हॉस्पिटल की टीम ने बच्चों के स्वास्थ्य की जांच शुरू की। डॉक्टर एस के तिवारी ने बच्चों की संपूर्ण जांच की और उन्हें स्वास्थ्य से संबंधित महत्वपूर्ण सलाह भी दी। डॉक्टरों ने बच्चों को उनकी जरूरत के अनुसार दवाइयां भी दीं, और बच्चों को खुश रखने के लिए चॉकलेट व कट भी प्रदान किए।
बच्चों की स्वास्थ्य जांच और परामर्श
इस मेडिकल कैंप में बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने पर विशेष जोर दिया गया। कैंप के दौरान बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया, जिसमें उनके सामान्य स्वास्थ्य, आंखों, दांतों, और हड्डियों से संबंधित जांच शामिल थी। डॉक्टरों ने बच्चों को स्वच्छता और खानपान की सही आदतें अपनाने की सलाह दी, ताकि वे स्वस्थ रह सकें। इस आयोजन में इशिका तिवारी, याविका कुमार, अमित सिंह, रोशनी, प्रतिष्ठा, आरुष दुबे, नव्या कुमारी सहित कई बच्चों ने स्वास्थ्य जांच का लाभ उठाया।
विद्यालय प्रबंधन का महत्वपूर्ण योगदान
इस मेडिकल कैंप का आयोजन स्कूल प्रबंधन के प्रयासों से संभव हुआ। स्कूल के प्रिंसिपल राकेश तिवारी और डायरेक्टर योगेंद्र प्रताप सिंह ने इस कार्यक्रम के सफल आयोजन में विशेष योगदान दिया। उन्होंने मेडिकल टीम को बुलाने और कार्यक्रम के संचालन की सारी व्यवस्था की। कैंप में आए डॉक्टरों ने स्कूल प्रबंधन के इस प्रयास की सराहना की और इसे बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति एक सकारात्मक कदम बताया।
निष्कर्ष
बाल दिवस के इस अवसर पर आयोजित मेडिकल कैंप बच्चों के लिए एक अनूठा अनुभव साबित हुआ। इस प्रकार के आयोजनों से बच्चों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ती है और उन्हें अच्छे स्वास्थ्य की आदतें अपनाने की प्रेरणा मिलती है। विद्यालय के इस प्रयास ने न केवल बच्चों बल्कि उनके अभिभावकों में भी स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता को बढ़ावा दिया है। ऐसे आयोजनों की निरंतरता भविष्य में भी बच्चों के समग्र विकास के लिए लाभकारी होगी।