
02 नवंबर 2024 को अन्नकूट पर्व के अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ धाम में भव्य आयोजन किया गया। यह पर्व प्रतिवर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान कृष्ण द्वारा की गई गोवर्धन पूजा की स्मृति में मनाया जाता है। अन्नकूट का अर्थ प्रचुर मात्रा में खाद्यान्न होता है, और इस पर्व के माध्यम से श्रद्धालु समृद्धि एवं अन्न सुरक्षा के लिए अपनी सात्विक भक्ति और समर्पण को अभिव्यक्त करते हैं।
इस वर्ष, अन्नकूट पर्व पर श्री काशी विश्वनाथ महादेव का 2 क्विंटल मिष्ठान से विशिष्ट श्रृंगार किया गया, जिसमें विभिन्न प्रकार की मिठाइयाँ शामिल थीं। मध्यान्ह भोग आरती में यह विशेष भोग श्री विश्वेश्वर महादेव को अर्पित किया गया। भोग के पश्चात प्रसाद का वितरण किया गया, जो कि अन्नकूट पर्व का एक महत्वपूर्ण अंग है। श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण कर उनकी श्रद्धा को पूरित किया गया।
अन्नकूट पर्व एक पारंपरिक आयोजन होने के साथ-साथ सनातन धर्म की एकता, भाईचारे और दान के महत्व को भी रेखांकित करता है। इस दिन भक्तगण एकत्र होकर न केवल श्री काशी विश्वनाथ जी की पूजा-अर्चना करते हैं, बल्कि एक-दूसरे के साथ मिलकर पर्व का उल्लास भी साझा करते हैं। यह पर्व समाज में परस्पर एकजुटता और स्नेह को बढ़ावा देता है, जिससे संपूर्ण सनातन समाज में समृद्धि का संदेश फैलता है।
अन्नकूट पर्व से यह शिक्षा मिलती है कि सच्ची भक्ति और प्रेम से सभी सनातनधर्मी एक वृहद परिवार का हिस्सा हैं, जो अपनी संस्कृति और परंपराओं को एकजुट होकर मनाते हैं।